भगवान शिव यूं तो मात्र जल और बिल्वपत्र से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन उनका पूजन अगर अपनी राशि के अनुसार किया जाए तो अतिशीघ्र फल की प्राप्ति होती है।

भगवान शिव यूं तो मात्र जल और बिल्वपत्र से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन उनका पूजन अगर अपनी राशि के अनुसार किया जाए तो अतिशीघ्र फल की प्राप्ति होती है। तो आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी से किस राशि के जातकों को किस प्रकार के पूजन का लाभ मिल सकता है।

मेष

रक्तपुष्प से पूजन करें तथा अभिषेक शहद से करें। ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप करें। इस राशि के जातक को गुड़ और गुलाब के जल से भी रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ मीठी रोटी का भोग लगाएं, लाल चंदन चढ़ाएं।

वृषभ

राशि वाले श्वेत पुष्प तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। महामृत्युंजय का मंत्र जपें। इस राशि के जातक को दही और केवड़े से रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ शक्कर, चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल से पूजा करनी चाहिए।

मिथुन

अर्क, धतूरा तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिव चालीसा पढ़ें। इस राशि के जातक को गन्ने के रस से भगवान का रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ शिवजी पर मूंग, दूब और कुश चढ़ाएं।

कर्क


श्वेत कमल, पुष्प तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें और शिवाष्टक पढ़ें। इस राशि के जातक को घी से रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ चावल, कच्चा दूध, सफेद आक व शंखपुष्पी को शिवलिंग पर अर्पित करें।

सिंह

रक्त पुष्प तथा पंचामृत से पूजन-अभिषेक करें और शिव महिम्न स्त्रोत पढ़ें। इस राशि के जातक को जल में गुड़ मिलाकर अभिषेक करना चाहिये। इसके साथ गुड़ चावल से बनी खीर का भोग लगाएं और गेहूं के चूरे और मदार के फूल अर्पित करें।

कन्या

हरित पुष्प, भांग तथा सुगंधित तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पुराण में वर्णित कथा का वाचन करें। इस राशि के जातक को गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ भांग, दूब व पान का अर्पण करना चाहिए।

तुला

श्वेत पुष्प तथा दुग्ध धारा से पूजन अभिषेक करें और महाकाल सहस्त्रनाम पढ़ें। इस राशि के जातक को सुगंधित तेल या इत्र से भगवान का अभिषेक करना चाहिए। इसके साध दही, शहद व श्रीखंड का भोग लगा कर सफेद फूल भगवान को अर्पित करें।

वृश्चिक

रक्त पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव जी के 108 नामों का स्मरण करें। इस राशि के जातक को पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ लाल फुल से शिव की पूजा करनी चाहिए।

धनु

पीले पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन अभिषेक करें और 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करें। इस राशि के जातक को हल्दी मिले दूध से अभिषेक करनी चाहिए। इसके साथ मिश्री और बेसन की मिठाई का भोग लगाकर गेंदे के फूल अर्पित करने चाहिए।

मकर


नीले-काले पुष्प तथा गंगाजल से पूजन अभिषेक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें। इस राशि के जातक को नारियल पानी से शिव का अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ उड़द की मिठाई का भोग लगाकर नीलकमल के फूलों को अर्पित करें।

कुंभ

जामुनिया-नीले पुष्प तथा जल से पूजन-अभिषेक करें और शिव षडाक्षर मंत्र का 11 बार स्मरण करें। इस राशि के जातक को तिल के तेल से रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके साथ उड़द की मिठाई का भोग लगाकर शमी के फूल अर्पित करें।

मीन

पीले पुष्प तथा मीठे जल से पूजन-अभिषेक करें। रावण रचित शिव तांडव का पाठ करें। इस राशि के जातक को केसर मिला दूध से शिव का अभिषेक करना चाहिए। इसके साथ दही-चावल का भोग लगाकर पीली सरसों और नागकेसर को अर्पित करना चाहिये।

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Posted By: Kartikeya Tiwari