- एक साल पहले वित्त आयोग से मिली धनराशि

- नई पंप लगाने के लिए रिलीज हुआ था बजट

- नगर आयुक्त ने हड़काया, वॉर्निग भी जारी की

AGRA। निर्धारित मानक से कम वॉटर सप्लाई देने में खेल करने वाले जल निगम की एक और कारगुजारी सामने आई है। वॉटर सप्लाई को दुरुस्त करने के लिए शासन स्तर से मिला एक करोड़ से अधिक रुपया जल निगम दबाए बैठा है। यह खुलासा वेडनसडे को उस वक्त हुआ जब नगर आयुक्त ने सिकंदरा स्थित एमबीबीआर प्लांट की पड़ताल की।

नई पंप मशीन के लिए था बजट

नगर निगम द्वारा क्फ्वें वित्त आयोग से लगभग एक वर्ष पूर्व नई पम्प मशीन के लिए एक करोड़ ख्8 लाख रुपया जल निगम को दिया गया। रकम मिलने के बाद जल निगम चुप्पी साधकर बैठ गया। एक साल बाद भी नई पंप मशीन नहीं लगाई गई है।

पुरानी मशीन से चल रहा काम

काम चलाने के लिए नगर आयुक्त के निर्देशन पर जल संस्थान जीवनी मंडी से पुरानी पंप मशीन जल निगम को उपलब्ध कराई गई। ताकि सिटी में वॉटर सप्लाई की प्रॉब्लम न हो। पुरानी मशीन मिलने के बाद जल निगम नई मशीन परचेज करना भूल गया।

दो मशीन चल रहीं खराब

जल संस्थान सिकंदरा में लगी तीन पंपिंग मशीन में से दो मशीन पहले से ही खराब चल रही हैं। एक मशीन से लगभग फ्0 से ब्0 एमएलडी पानी सप्लाई हो रहा है।

कब लगाओगे नई पंप मशीन

नगर आयुक्त इंद्र विक्रम सिंह ने संबंधित अफसरों को हड़काते हुए कहा पैसा लेने के बाद भी नई पंप मशीन अभी तक नहीं लगाई गई। यदि एक माह में नई मशीन नहीं लगाई गई तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।

हैदराबाद से आएगी मोटर

जल संस्थान में लगने वाली मोटर के पा‌र्ट्स तो पुणे से आ चुके हैं, जबकि मोटर हैदराबाद से जल निगम को लानी थी। वह अभी तक नहीं आ सकी है।

'पानी की कैपेसिटी बढ़ाए जाने के उद्देश्य से नई मशीन लाने के लिए एक करोड़ ख्8 लाख रुपये जल निगम को दिए गए थे, लेकिन अभी तक मोटर नहीं आ सकी है। एक माह का अल्टीमेटम दिया गया है.'

इन्द्र विक्रम सिंह नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive