कहां है छह करोड़ का हिसाब?
>-बिजली चोरी के बाद केस्को ऑफिसर्स ने केस्को को लगाया चूना
-बिजली चोरी पकड़े जाने पर 5 डिवीजन में रेवेन्यू असेसमेंट में 6 करोड़ से अधिक का खेल -कैग की टीम ने जांच में पकड़ा, केस्को ऑफिसर्स में मची अफरातफरी vishnu.tiwari@inext.co.in/ kanpur@inext.co.in KANPUR: एक ओर शहर को 24 घंटे बिजली देने का सपना दिखाया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ केस्को के अधिकारी अपने कारनामों से इस सपने को हर हाल में मारने पर तुले हैं. बिजली चोरों पर लगाम कसने के बजाए उन्हें कमाई का जरिया बना लिया है. बिजली चोरों से रेवेन्यू असेसमेंट वसूलने में करोड़ों के घोटाले को कन्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की टीम ने पकड़ लिया है. अभी 18 में से केवल 5 डिवीजन में ही छह करोड़ का खेल सामने आया है. यानि गोलमाल का एमाउंट और अधिक बढ़ने की संभावना है. खुलासे से केस्को ऑफिसर्स में हड़कम्प मचा हुआ है.30 परसेंट चोरी, लाइनलॉस
सिटी में एक तिहाई बिजली चोरी और लाइनलॉस में ही चली जाती है. बावजूद इसके बिजली चोरी रोकने के लिए केस्को कोई खास प्रयास नहीं कर रहा है. मीटर में छेड़छाड़, बाईपास करके ही नहीं बल्कि खुलेआम कटिया मारकर बिजली चोरी हो रही है. कई डिवीजन तो ऐसे हैं, जहां 50 परसेंट से अधिक बिजली चोरी हो रही है. बावजूद इसके अपना फायदा देख केस्को इम्प्लाइज इन पर रोक नहीं लगा रहे है.
.तो ये करती है विजिलेंस टीम सिटी में केस्को के टोटल करीब 5.04 लाख कनेक्शन हैं. इनमें डोमेस्टिक, इंडस्ट्रियल, कॉमर्शियल कनेक्शन हैं. बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी केस्को के सबस्टेशन, डिवीजन इम्प्लाइज के अलावा केस्को की दो विजिलेंस टीमों पर है. केस्को की इन विजिलेंस टीम में केस्को इम्प्लाइज नहीं होते हैं. जिससे कि केस्को की मिलीभगत से हो रही बिजली चोरी को भी रोका जा सके. इन दोनों टीमों में अलग-अलग पुलिस इंस्पेक्टर, सबइंस्पेक्टर के अलावा यूपीपीसीएल के जूनियर इंजीनियर रहते हैं. चोरी की सजा कम्पाउंडिंग बिजली चोरों की सजा कम्पाउंडिंग और रेवेन्यू असेसमेंटबिजली चोरी पकड़े जाने पर केस्को या विजिलेंस की टीम कम्पाउंडिंग फीस के अलावा रेवेन्यू असेसमेंट भी वसूलती है. बिजली चोरी करने वाले को सजा के तौर कम्पाउंडिंग फीस वसूली जाती है. ये कम्पाउंडिंग फीस डोमेस्टिक, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल के लिए क्रमश: 4 हजार, 10 हजार और 20 हजार रुपए प्रति किलोवॉट होती है. कम्पाउंडिंग फीस न जमा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है. वहीं बिजली चोरी से हुए नुकसान की भरपाई के तौर पर रेवेन्यू असेसमेंट किया जाता है. जो नॉर्मली 12 महीने यानि एक साल का होता है. रेवेन्यू असेसमेंट एक फार्मूला के तहत किया जाता है. जिसमें बिजली चोरी के दौरान पकड़ा गया कनेक्टेड लोड, पॉवर सप्लाई ऑवर, रेट आदि शामिल होता है. इसमें पिछले एक साल में जमा की गई धनराशि घटा दी जाती है.
33 हजार छापे और चेकिंग केस्को के डेटा की मानें तो करंट फाइनेंशियल ईयर में केस्को के सबस्टेशन, डिवीजन और विजिलेंस टीमों ने 33304 कनेक्शन चेक किए. 3865 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी. इन मामलों में 277.10 लाख रुपए कम्पाउंडिंग जमा हुई. वहीं 537.44 लाख असेसमेंट रवेन्यू में केवल 206.75 लाख रुपए ही जमा हुआ है. इस बीच कंपाउंडिंग न जमा करने वाले 1054 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. जेब में जा रहा रेवेन्यू !कन्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी)की एक गोपनीय रिपोर्ट से इन दिनों केस्को ऑफिसर्स में अफरातफरी मची हुई है. खासतौर पर केस्को सर्किल- 2 के ऑफिसर घबराए हुए हैं. ये गोपनीय रिपोर्ट केस्को के सर्किल-2 में आने वाले गुमटी, रतनपुर, बर्रा विश्व बैंक, दादा नगर, गोविन्द नगर की है. इस सर्किल में फाइनेंशियल ईयर 2006-07 से 2010-2011 के बीच करीब 10 करोड़ की बिजलीचोरी (रेवेन्यू असेसमेंट)पकड़ी गई है. पर रेवेन्यू असेसमेंट केवल 3.33 करोड़ ही जमा हुआ है. 6.16 करोड़ रेवेन्यू असेसमेंट कहां गया? इसकी जानकारी कैग टीम को नहीं मिली है, जिस पर कैग ने आब्जेक्शन जताते हुए केस्को ऑफिसर्स से जवाब-तलब किया है.
टॉप पर गोविन्द नगर डिवीजन रेवेन्यू असेसमेंट के गोलमाल में सर्किल-2 के 5 डिवीजंस में सबसे ऊपर गोविन्द नगर है. इस डिवीजन में बिजलीचोरी पकड़े जाने पर 419.60 लाख का असेसमेंट किया गया लेकिन जमा केवल 144.60 लाख रुपए ही हुआ. 274.96 लाख असेसमेंट का पता नहीं है. दूसरे नम्बर पर वर्ल्ड बैंक बर्रा डिवीजन है. जिसमें बिजली चोरी पर 163.77 लाख का असेसमेंट किया गया, लेकिन वसूला गया केवल 44.72 लाख. बाकी 119.05 लाख असेसमेंट की जानकारी कैग को नहीं दी गई है. इसी तरह बिजली चोरी के असेसमेंट के रुपए में गुमटी में 100.59 लाख, रतनपुर में 72.21 लाख और दादा नगर 49.88 लाख रुपए का हिसाब-किताब का अता-पता नहीं है. कैसे होता है खेलबिजली चोरी पकड़े जाने पर ज्यादातर लोग एफआईआर दर्ज होने के डर से तुरन्त ही कम्पाउंडिंग फीस भर देते हैं. वहीं सेंटिंग-गेटिंग के खेल के कारण रेवेन्यू असेसमेंट तुरन्त जमा करने का प्रेशर नहीं बनाया जाता है. पहले तो संबंधित डिवीजन के ऑफिसर या एसडीओ रेवेन्यू असेसमेंट फॉर्मूला (लोड इनटू फैक्टर इनटू घंटे इनटू दिन) के तहत ज्यादा से ज्यादा(धनराशि) बनाते है. बाद में सेंटिंग-गेटिंग का खेल फाइनल हो जाने पर उस बहुत ही कम देते हैं. इसके लिए वह इलेक्ट्रिसिटी एक्ट को ही हथियार बनाते हैं. जिसमें डिवीजन ऑफिसर के पास बिजली चोरी की समयसीमा 1 साल से घटाकर 6 महीने व 3 महीने तक करने का अधिकार होता है. इसके साथ ही फैक्टर (1 या .5 या .3) तक कम करने की पॉवर होती है. इन तरकीबों के अलावा वे एवरेज पॉवर सप्लाई ऑवर भी घटा (22 घंटे से 20 या 18 या 16 घंटे तक) देते हैं. इससे बिल बहुत कम हो जाता है. अगर केवल फैक्टर ही 1 से घटाकर .3 कर दिया जाए तो बिजली का बिल लगभग एक तिहाई हो जाएगा.
--कैग ने रेवेन्यू असेसमेंट को लेकर आब्जेक्शन किया है. उनकी जांच करके रिपोर्ट कैग को दी जाएगी. - एसबी वर्मा, जीएम केस्को ............................ डिवीजन- रेवेंयू असेसमेंट- वसूली - गोलमाल गुमटी- क्भ्भ्.9ख्- भ्भ्.फ्ख्- क्00.भ्9 रतनपुर- क्0भ्.00- फ्ख्.89- 7ख्.ख्क् दादानगर- क्0भ्.9म्- भ्म्.08- ब्9.88 गोविन्दनगर- ब्क्9.म्0- क्ब्ब्.म्0- ख्7ब्.9म् वर्ल्डबैंकबर्रा-क्म्फ्.77-ब्ब्.7ख्- क्क्9.0भ् टोटल- 9भ्0.ख्भ्- फ्फ्फ्.भ्म्- म्क्म्.म्9 ............ कम्पाउंडिंग फीस डोमेस्टिक- ब् हजार कामार्शियल- क्0 हजार इंडस्ट्रियल- ख्0 हजार (कम्पाउंडिंग फीस रुपए प्रति किलोवाट है.) रेवेन्यू असेसमेंट फॉर्मूला रेवेंयू असेसमेट = लोड * फैक्टर * ऑवर्स * डेज लोड- बिजली चोरी के पकड़े के दौरान कनेक्टेड फैक्टर- डोमेस्टिक में डायरेक्ट बिजली चोरी करने पर फैक्टर क् (एक) लगाया जाना चाहिए. मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करने पर .फ् फैक्टर लगता है फैक्टर- कॉमर्शियल में .भ् फैक्टर लगाया जाना चाहिए ऑवर्स- एक साल में एवरेज सप्लाई (घंटे) डेज- नॉर्मली एक साल(क्ख् महीने) .......... टोटल चेक किए कनेक्शन- फ्फ्फ्0म् बिजली चोरी पकड़ी गई- फ्8म्भ् एफआईआर दर्ज कराई- क्0भ्ब् कम्पाउंडिंग जमा हुई- ख्77.क्0 लाख असिसमेंट किया गया भ्फ्7.ब्ब् लाख असिसमेंट जमा हुआ- ख्0म्.7भ् लाख (डेटा अप्रैल से नवंबर, ख्0क्ब् तक का है) ............ डिवीजन - कनेक्शन- लाइनलॉस(एटीसी लॉस) आलूमंडी कोपरगंज- क्78भ्8- भ्म्.भ्क् परसेंट इलेक्ट्रिसिटी हाउस, परेड- ख्ब्भ्ब्8- भ्0.8भ् परसेंट नवाबगंज- ख्ख्7म्8- ख्क्.7ख् परसेंट फूलबाग-फ्ब्भ्म्म्- फ्7.0क् परसेंट जरीबचौकी- ख्म्9ख्9- ब्फ्.ख्भ् परसेंट दादा नगर- 80फ्फ्- ब्.98 परसेंट गुमटी- क्ब्फ्97- क्भ्.80 परसेंट गोविन्द नगर - ब्987भ्- फ्ब्.7म् परसेंट रतनपुर- ख्ब्808- फ्0.ख्7 परसेंट वर्ल्ड बैंक बर्रा- ख्77ब्7- फ्फ्.ख्0 परसेंट दहेली सुजानपुर- ब्क्797- ब्ब्.09 परसेंट जाजमऊ- ख्फ्ख्7भ्- ख्7.89 परसेंट हैरिसगंज- फ्ब्क्9क्- फ्भ्.78 परसेंट किदवई नगर- ख्8म्0क्- ब्ब्.भ्फ् परसेंट नौबस्ता- ब्म्98ब्- फ्ख्.79 परसेंट कल्याणपुर- फ्भ्ब्क्म्- फ्क्.80 परसेंट सर्वोदय नगर- ख्7ख्क्ब्- ख्7.7भ् परसेंट विकास नगर- क्भ्7भ्9- फ्ख्.भ्भ् परसेंट टोटल- भ्0ब्7म्म् - ख्9.9फ् परसेंट