- मिशन निदेशक ने जारी किया आदेश

- एनआरसी प्रबंधन ने तैयार की कार्य योजना

बरेली : अब अगर आपका बेबी मलन्यूट्रिशन की गिरफ्त में है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। जी हां डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बने न्यूट्रिशन रिहेबिलिटेशन सेंटर यानि एनआरसी पर एडमिट होने वाले नवजात को पूरी तरह से हष्ट-पुष्ट बनाकर ही घर भेजा जाएगा। यह आदेश मिशन निदेशक ने एनआरसी को जारी किया है।

15 फीसदी वजन बढ़ाने का टारगेट

मिशन निदेशक की ओर से जारी आदेश की माने तो एनआरसी में आने वाले बच्चों के वजन की ग्रोथ में कम से कम 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने के बाद ही डिस्चार्ज करने को कहा गया है। इससे बच्चा कुपोषण के दंश से उभर कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकेगा।

डाइट चार्ट देकर होगी मॉनिटरिंग

एनआरसी में आने के बाद बच्चों को डाइट चार्ट के आधार पर खाना दिया जाता है जिससे कुपोषण के दंश से उभर जाता है। अब बच्चा डिस्चार्ज होगा तो उसके परिजनों को डाइट चार्ट मुहैया कराया जाएगा वही घर पर बच्चे को ले जाकर डाइट चार्ट ठीक प्रकार से फॉलो किया जा रहा है इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र की आशा और एएनएम की होगी।

शासन को भेजी जाएगी वीकली रिपोर्ट

हर सप्ताह में एनआरसी में कितने बच्चे एडमिट हुए और कितने बच्चों को कुपोषण की जद से निजात मिली है इसकी वीकली रिपोर्ट एनआरसी प्रबंधन को शासन को भेजनी होगी।

अभी 10 बच्चे हैं एडमिट

एनआरसी में बच्चों को रिहेब करने के लिए 11 बेड का वार्ड बनाया गया है। वर्तमान में यहां दस बच्चे एडमिट हैं जिनका ट्रीटमेंट चल रहा है।

प्रदेश में पहला नंबर का तबका

बरेली एनआरसी को यूनीसेफ की ओर से प्रदेश में पहला स्थान दिया गया है। यहां का बेड एक्यूपेंसी रेट यानि क्यूआर रेट प्रदेश की सभी एनआरसी से सबसे ज्यादा है।

शासन की ओर से हर बच्चे का मौजूदा वेट से 15 फीसदी अधिक ग्रोथ कराकर ही डिस्चार्ज करने का आदेश मिला है। इसका अनुपालन के लिए निर्देश दिए गए हैं।

डॉ। रोजी जैदी, डायटिशियन, एनआरसी

Posted By: Inextlive