पाकिस्‍तान के क्‍वेटा की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने नवाब बुग्‍ती की हत्‍या के आरोप से सभी नामजादों को सोमवार को बरी कर दिया गया है। बलूच नेता नवाब अकबर बुग्‍ती 26 अगस्‍त 2006 को बलूचिस्‍तान के कोहलू जिले के तरातबी के पहाड़ो पर बलूच विद्रोहियों के खिलाफ पाकिस्‍तानी सेना की कार्रवाई में मारे गए थे। नवाब बुग्‍ती के पुत्र नवाबजादा जमील अकबर बुग्‍ती ने अपने पिता की हत्‍या के विरूद्ध कई लोगों पर उनकी हत्‍या करने का आरोप लगाया था।


इन पर लगा था बुग्ती की हत्या का आरोपबुग्ती की हत्या के आरोप में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, बलूचिस्तान के पूर्व गर्वनर ओवैश अहमद गनी, आफताब अहमद खां शेरपा तथा अन्य लोगों के विरूद्ध बुग्ती के बेटे ने मामला दर्ज करवाया था। आदालत ने भूतपूर्व प्रांतीय गृहमंत्री मीर शोयब नूरशेरवानी तथा पूर्व संघीय गृहमंत्री आफताब शेरपा को भी बुग्ती हत्याकांड से बरी कर दिया है। अदालत ने नवाब अकबर बुग्ती के बड़े बेटे नवाबजादा जमील अकबर बुग्ती की अपने पिता के शव के अवशेष कब्र से निकाल कर उसकी जांच कराने की मांग को भी खारिज कर दिया है। यह मांग इसलिए की गई थी कि इस बात की पुष्टि की जा सके की शव उनके पिता का ही था।डेरा बुग्ती हिंसा में मारे गए दर्जनों लोग
नवाब बुग्ती ने एक आवेदन में संसदीय समिति के उन सदस्यों को तलब करने की मांग की थी जिन्होंने 2005 के मार्च के डेरा बुग्ती की हिंसा के बाद नवाब बुग्ती का बयान दर्ज किया गया था। आदलत ने उनके इस आवेदन को भी खारिज कर दिया है। मार्च में हुई हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए थे। नवाब बुग्ती की हत्या का विरोध पूरे देश में हुआ था।

Posted By: Prabha Punj Mishra