चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंध न केवल दोनों देशों के बीच सदाबहार साझेदारी को बनाए रखेंगे बल्कि क्षेत्रीय शांति और अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता को भी बरकरार रखने में मदद करेंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने पाकिस्तान को बेहद शक्तिशाली ट्रैकिंग सिस्टम बेचा है। ये उपकरण पाकिस्तान के मल्टी-वारहेड मिसाइलों को तेजी से तैयार करने में मदद करेगा।


उच्च स्तर का सहयोग बनाये रखा हैगुरुवार को चीनी सेना( पीएलए) के प्रवक्ता कर्नल रेन गुओकियांग ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'चीन और पाकिस्तान के सेनाओं के बीच सदाबहार भागीदारी है। हमने रक्षा आदान-प्रदान और सहयोग का बहुत उच्च स्तर बनाए रखा है।' उन्होंने कहा कि 'इसके साथ ही मुझे पूरा भरोसा है कि सैन्य सहयोग से हमारे देशों के संबंध को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्रीय शांति और अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता बनाये रखने में काफी मदद मिलेगी।'इसलिए आया ऐसा बयान


बता दें कि गुओकियांग का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन ने पाकिस्तान को बेहद शक्तिशाली ट्रैकिंग सिस्टम बेचा है। यह शक्तिशाली ट्रैकिंग सिस्टम पाकिस्तान के मल्टी-वारहेड मिसाइलों को बहुत ही तेजी से तैयार करने में मदद कर सकता है। बता दें कि चीन दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने किसी अन्य देश को इतनी शक्तिशाली उपकरण बेचा है। यह बात भारत के लिए बहुत ही चिंताजनक है।भारत के पास सिंगल वारहेड मिसाइल

हालाकि भारत की सिंगल वारहेड मिसाइल विशाल और लंबी दूरी कवर करने में पूरी तरह सक्षम हैं, किंतु पाकिस्तान का प्रयास है कि वो ऐसे स्वनियंत्रित मिसाइल बना सके, जो एक साथ कई अलग लक्ष्यों पर न्यूक्लियर वारहेड का निशाना साधने के योग्य हो और ऐसी मिसाइल चीन द्वारा खरीदे गए ट्रैकिंग सिस्टम के जरिये आसानी से तैयार की जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले 5 सालों में चीन के 41 प्रतिशत हथियारों का निर्यात सिर्फ पाकिस्तान में हुआ है।चीन के पास इतने सैनिकगौरतलब है कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी फौज है, लेकिन चीन अपने सैनिकों की संख्या लगातार कम कर रहा है। चीन की सेना(पीएलए) ने गुरुवार को कहा कि उसने तीन लाख जवानों की सेवा से कटौती करने के अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है और आने वाले समय में और सुधार किए जाएंगे। बता दें कि बीते चार दशक में चीन की सेना में भारी कटौती की गई है। जहां 1980 के समय सेना में 45 लाख जवान थे, वहीं अब इस कटौती के बाद 20 लाख पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि यह कमी सिर्फ चीन सरकार ने मिसाइल और अन्य रक्षा सेवाओं को बढ़ाने के लिए की है।

Posted By: Mukul Kumar