लालकिले से मेक इन इंडिया का नारा लगाने के बाद पीएम ने इस योजना पर काम करना भी शुरू कर दिया है. 15 अगस्‍त को घोषित हुई यह दूसरी बड़ी योजना होगी जिस पर पीएम ने काम करना शुरू किया है.


जनधन के बाद मेक इन इंडियापीएम मोदी ने जन धन योजना को शुरू करने के बाद अपनी दूसरी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. दरअसल पीएम ने मेक इन इंडिया योजना को मूर्त रूप देने के लिए कदम उठा लिए हैं. इस सिलसिले में पीएम ने घरेलू कैपिटल गुड्स सेक्टर को प्रमोट करने के लिए 930 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी है. गौरतलब है कि इस योजना को 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजनाओं में शामिल किया जाएगा. इस फंडिंग से इंडियन कैपिटल गुड्स सेक्टर को कंपटीशन का मुकाबला करने में मदद मिलेगी. सीसीए की मीटिंग में हुआ फैसला
इस फैसले को प्रधानमंत्री की आर्थिक मामलों को हैंडल करने वाली कमेटी की मीटिंग में मूर्त रूप दिया गया है. उल्लेखनीय बात यह है कि इस मीटिंग के तुरंत बाद ही ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया गया जिसके अनुसार सरकार इस योजना में 581.22 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके अलावा 349.74 करोड़ का अमाउंट उद्योग समूहों से जुटाया जाएगा. 22000 करोड़ रुपये की परियोजना


भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने सरकार के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह एक पायलट परियोजना है और आने वाले सालों में इस योजना में 22000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. गौरतलब है कि सरकार इस परियोजना को पूरे देश में विस्तार देगी. मोदी ने पूरी की लघु उद्योग समूहों की मांगइस योजना के क्रियान्वन से मोदी लघु उद्योग समूहों की मांग को भी पूरा कर देगी. गौरतलब है कि मोदी ने कैपिटल गुड्स सेक्टर के प्रमोशन के लिए फंड जारी करके लघु उद्योग समूहों की मांग भी पूरी कर दी है. दरअसल टोटल मैन्यूफेक्चरिंग में कैपिटल गुड्स का कॉंट्रीब्यूशन 9 से लेकर 12 परसेंट तक होता है. इसलिए मशीन टूल्स, टेक्सटाइल मशीनरी, कंस्ट्रक्शन एवं खनन मशीनरी और प्रोसेस प्लांट मशीनरी शामिल हैं. देशभर की आईआईटी करेगीं मददपीएम की इस परियोजना में देश भर की आईआईटी संस्थानों से मदद ली जाएगी. इन संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई, आईआईटी मद्रास, और आईआईटी खड़गपुर के साथ सेंट्रल मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट बंगलुरू में रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर्स बनाए जाएंगे.

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Posted By: Prabha Punj Mishra