प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। इस दाैरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य और धर्मग्रंथों की एक लाइब्रेरी बनाने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही जापान सरकार को सामवेद को निरंतर समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।

नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह भारत-जापान सम्मेलन सम्मेलन को संबोधित किया। भारत-जापान सामवेद सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने जापान सरकार को सामवेद को निरंतर समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। भारत-जापान संवाद सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेशों की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली। हालांकि ये रोशनी स्थिर नहीं रही, सदियों से ​हर नए स्थान जहां बुद्ध के विचार पहुंचे वो ​विकसित होते रहे। ऐसे में मैं पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव करना चाहूंगा। हम भारत में इस तरह की सुविधा बनाने के लिए खुश होंगे और इसके लिए उपयुक्त संसाधन प्रदान करेंगे।

This decade will be about nurturing bright young minds, who will add value to humanity in the times to come. Learning should be such that furthers innovation. After all, innovation is the cornerstone of the human empowerment: PM Narendra Modi at 6th India-Japan Samwad Conference https://t.co/F5C0O6Rsi8 pic.twitter.com/nnnjaDE8rC

— ANI (@ANI) December 21, 2020


यह पुस्तकालय सभी बौद्ध साहित्य की डिजिटल प्रतियां एकत्र करेगा
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसके (पुस्तकालय के) शोध जनादेश में यह जांचना भी शामिल होगा कि बुद्ध का संदेश समकालीन चुनौतियों के खिलाफ हमारे आधुनिक दुनिया को कैसे निर्देशित कर सकता है। पुस्तकालय विभिन्न देशों से ऐसे सभी बौद्ध साहित्य की डिजिटल प्रतियां एकत्र करेगा। उन्होंने कहा इसका उद्देश्य उनका अनुवाद करना और उन्हें बौद्ध धर्म के सभी भिक्षुओं और विद्वानों के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बुद्ध के विचारों और आदर्शों को विशेष रूप से युवाओं के बीच बढ़ावा देने के लिए किए गए महान कार्य के लिए मंच का स्वागत किया।

Posted By: Shweta Mishra