- पुलिस लाइन में घंटों पूछताछ, रामवृक्ष की मौत को लेकर साधे रहा चुप्पी

- पूछताछ के दौरान रसद और हथियारों की खेप लाने से भी कर दिया इंकार

मथुरा: जवाहरबाग में 27 महीने तक पड़ाव डाले रहे लोगों की रसद और अन्य जरुरतों को पूरा करने वाला शातिर राकेश गुप्ता शुक्रवार रात बदायूं से शनिवार सुबह मथुरा आते-आते बहुत कुछ मुकर गया। ऑपरेशन जवाहरबाग के दरम्यान अपने नेता रामवृक्ष यादव के मारे जाने का बदायूं में खुलासा किया था, मगर मथुरा में रामवृक्ष की मौत को लेकर उसने अपना मुंह नहीं खोला। रसद और हथियारों की आपूर्ति करने से भी साफ इंकार कर दिया। साथ ही, रामवृक्ष को बैकअप देने वालों का राज भी नहीं उगला।

राकेश को सुबह मथुरा लेकर पहुंची टीमें

बदायूं के थाना हजरतपुर क्षेत्र के गांव गढि़या शहापुर निवासी राकेश गुप्ता को शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे पुलिस बदायूं से अपनी सुपुर्दगी में मथुरा ले आई थी। इससे पहले शुक्रवार को बदायूं में मथुरा पुलिस, बदायूं पुलिस और एसटीएफ ने राकेश गुप्ता से अलग-अलग पूछताछ की थी। बदायूं में राकेश गुप्ता ने पुलिस के सामने ही खुलासा किया था कि ऑपरेशन जवाहर बाग में रामवृक्ष यादव (नेताजी) मारे गए। मथुरा पुलिस लाइन में एसएसपी बबलू कुमार, एसपी देहात अरुण कुमार, एसपी ट्रैफिक आशुतोष द्विवेद्वी, एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी और क्राइम ब्रांच ने कई दौर में राकेश गुप्ता से पूछताछ की। उसने रामवृक्ष की मारे जाने या फिर जीवित होने को लेकर अपना मुंह नहीं खोला।

बरेली में छोड़ दिया था परिवार

एसएसपी ने उसके दोस्त का नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन बताया कि उसकी जानकारी मिल गई है। राकेश गुप्ता ने बदायूं में पूछताछ करने वाली टीमों को बताया कि उसने पत्नी मीना गुप्ता, दो पुत्र और एक बेटी को शाहजहांपुर में छोड़ दिया था, जबकि उसने यहां पुलिस के सामने कबूल किया कि जवाहर बाग ऑपरेशन के बाद वह पुलिस लाइन के पीछे होकर अपने परिवार के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचा। ट्रेन से कासगंज और फिर बस से वह बरेली गई। बरेली में ही उसने अपने परिवार को छोड़ दिया और अपने परिचित सौरभ से कुछ रुपये लेकर वह सीधे फर्रुखाबाद के घटिया घाट पर एक बाबा के यहां ठहरा था। पुलिस को दबाव बढ़ने पर वह कटरी में ही अपने मकान आया था और जहां वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

सिर्फ बरामद रायफल ही उसकी थी

जवाहरबाग में 27 महीने तक रहे करीब ढाई-तीन हजार लोगों के लिए भोजन-पानी और अन्य जरुरतों की पूर्ति की व्यवस्था करने के साथ ही पुलिस से मुकाबला करने के लिए हथियारों की सप्लाई किए जाने से भी उसने इंकार दिया। राकेश गुप्ता ने इतना स्वीकार किया कि पुलिस ने ऑपरेशन के बाद जवाहरबाग से जो रायफल बरामद की थी, वह उसी की है। रिवॉल्वर और मोबाइल उसके भागते समय जवाहर बाग में ही गिर गए थे।

Posted By: Inextlive