क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में स्नेचरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है. पुलिस के तमाम दावे फेल हो चुके हैं और लोगों को खासतौर पर महिलाओं को घर से बाहर निकलने में काफी खतरा महसूस हो रहा है. आए दिन शहर में छिनतई और चेन स्नेचिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं. इनपर लगाम लगाने के लिए रांची पुलिस को 50 बाइक दिए गए हैं. अत्याधुनिक संसाधन भी आंतरिक सुरक्षा में पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होते हैं. रांची पुलिस बेड़े में अत्याधुनिक संसाधनों से लैस 50 बाइक को शामिल किए जाने से काफी सहायता मिलेगी. टाइगर जवानों के लिए यह बाइक होंडा मोटर के सहयोग से एसएसआर फंड के तहत दिया गया है. इन बाइक को उन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे, जहां फिलहाल टाइगर मोबाइल के जवान तैनात नहीं हैं.

बीट पैट्रोलिंग टीम व टाइगर मोबाइल

रांची रेंज के डीआईजी होमकर अमोल वीनूकांत ने कहा कि रिस्पांसिबल पुलिसिंग देने की हमारी पुरजोर कोशिश है. नए संसाधन से विधि व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी. होंडा में कई और प्रस्ताव दिए गए हैं, जो महत्वपूर्ण हैं. वे भविष्य में पुलिस के काम आएंगे. अब किसी भी घटना की सूचना पर नजदीकी टाइगर मोबाइल को जल्दी मौके पर भेजने में सहूलियत होगी. बीट पैट्रोलिंग टीम और टाइगर मोबाइल के लिए बाइक इस्तेमाल होगी.

जीपीएस से लैस हैं बाइक

सभी टाइगर बाइक में जीपीएस लगा हुआ है. इससे कौन टाइगर मोबाइल कहां है इसकी निगरानी हो सकेगी. टाइगर मोबाइल के लोकेशन की जानकारी एसएसपी, सिटी एसपी और शहरी क्षेत्र के सभी डीएसपी के मोबाइल पर आएगा. इससे वरीय पदाधिकारियों को निर्देश देने में सहुलियत होगी. अगर टाइगर मोबाइल 30 मिनट से ज्यादा देर तक एक जगर रुकेगा तो इसका अलर्ट वरीय पदाधिकारियों के मोबाइल आ जाएगा. इस पर उक्त टाइगर मोबाइल से वरीय पुलिस पदाधिकारी कारण भी पूछ सकते हैं. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उस पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

क्विक रिस्पांस टीम में भी बाइक

रांची डीआईजी के अनुसार, कुछ बाइकों को क्विक रिस्पांस टीम में भी शामिल किया जाएगा. शहर में अगर कहीं कानून की स्थिति खराब होती है और बड़े वाहनों के जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में बाइक के जरिए ही क्विक रिस्पांस टीम को मौके पर भेजकर पुलिस एक्शन ले सकती है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha