सिटी में चलने वाली ई-बसों में सफर दुश्वारियों भर हो गया है. गर्मी में किसी बस में एसी खराब है तो कई में कूलिंग ही नहीं हो रही है. बेबस पैसेंजर्स मजबूरी में यात्रा कर रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। शिकायत जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के ऑफिस पहुंची तो सोमवार को रिपोर्टर ने रियल्टी चेक किया। पता चला कि पैसेंजर्स ई-बसों में गर्मी में उबल रहे हैं। पैसेंजर्स की शिकायत के बाद भी कंडक्टर और ड्राइवर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिटी में चलती है 25 बसें सिटी में 25 इलेक्ट्रिक बस का संचालन किया जा रहा है। ये बसें महेसरा डिपो से गोरखनाथ, रेलवे बस स्टेशन, यूनिवर्सिटी और नौसढ़ के अलावा अन्य कई रूटों पर संचालित की जा रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्ट छात्रसंघ चौराहे पर खड़े होकर ई-बस का इंतजार कर रहा था। यूपी 53 जीटी 6632 : बेबस दिखे पैसेंजर्स


सोमवार को ई-बसों में एसी की जानकारी के लिए रियल्टी चेक करने रिपोर्टर छात्रसंघ पहुंचा। इसी बीच यूपी 53 जीटी 6632 नंबर की ई- बस नौसड़ की तरफ पैसेंजर्स को लेकर जा रही है। रिपोर्टर बस में चढ़ा तो गर्मी मेें पैसेंजर्स परेशानी झेल रहे थे। कूलिंग बिल्कुल भी नहीं थी। ड्राइवर जितेंद्र सैनी ने बताया कि सिटी के अंदर स्टापेज का निर्धारण नहीं किया जा सका है। पैसेंजर्स कहीं पर भी उतर जाते हैं। दरवाजा खुला होने की वजह से कूलिंग की प्रॉब्लम होती है। यूपी 53 जीटी 6627 : गर्मी से थे बेहाल

छात्रसंघ में इसी बीच यूपी 53 जीटी 6627 नंबर की ई- बस रुकी। बस नौसड़ की तरफ पैसेंजर्स को लेकर जा रही थी। रिपोर्टर बस के अंदर पहुंचा तो देखा कि पैसेंजर्स गर्मी से परेशान थे। जब ड्राइवर रविंद्र यादव से बातचीत की गई तो उसका कहना था कि एसी काम कर रही है लेकिन कदम-कदम पर दरवाजा खुलने की वजह से बस पूरी तरह से कूल नहीं हो पा रहा है। सुविधाओं का नहीं रखा जा रहा ख्याल एसी सुविधा होने से गर्मी में यात्री परिवहन निगम की बस को छोड़कर इलेक्ट्रिक बस में सफर करना चाहता है। यही वजह है कि इस रूट पर इलेक्ट्रिक बसें सबसे अधिक कमाई कर रही हैं। इसके बावजूद भी पैसेंजर्स की सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। कभी एसी को बंद कर देना और कभी कम तापमान पर एसी चलाया जाता है। इसके कारण पैसेंजर्स को भीषण गर्मी में परेशानी झेलनी पड़ रही है।गर्मी में खराब हो रही बसें

इलेक्ट्रिक बस संख्या यूपी 53 जीटी 6630, यूपी 53 जीटी 6629 और यूपी 53 जीटी 6625 पिछले दिनों चार्जिंग स्टेशन से निकली। रास्ते में पैसेंजर्स लेते हुए सफर तय किया। रूट पर चक्कर लगाने के बाद बस का एसी सिस्टम जवाब दे गया था। खचाखच भरी बस में तेज धूप के साथ अंदर गर्मी बढऩे लगी। पैसेंजर्स ने शिकायत दर्ज कराई तो एसी बस को महेसरा डिपो में मरम्मत के लिए खड़ा कर दिया गया है। सिर्फ 22 ई-बस को हो रहा संचालन सिटी में 25 ई-बस को संचालत किया जाता है। लेकिन वर्तमान में मात्रा 22 ई-बस विभिन्न रूटों पर संचालित हो रही है। तीन बसों का बैट्री खराब होने की वजह से उसे महेसरा डिपो में खड़ी कर दी गई हैं। जिम्मेदारों का कहना है कि बैट्री चाइना से मंगवाई गई है। हरियाणा आ चुकी है। बैट्री आने के बाद बसों में लगाया जाएगा। इसके बाद रूटों पर उनका संचालन किया जाएगा। गर्मी में एसी बस का ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन एसी काम नहीं करने की वजह से प्रॉब्लम होती है। शिकायत करने पर कंडक्टर और ड्राइवर झड़प कर लेते हैं। हिमांशु कुमार ई-बस का दरवाजा खुला रहने की वजह से एक तो धूल आती है दूसरी तरफ बस पूरी तरह से कूल नहीं होता है। पैसेंजर्स कंप्लेन करते हैं मगर ध्यान नहीं दिया जाता है। कुलदीप कुमार पटेल
इलेक्ट्रिक बस में गर्मी से राहत के लिए सफर किया जाता है। लेकिन पैसेंजर्स की उम्मीद पर पानी फिर जाता है। ड्राइवर-कंडक्टर से बहस करने में जलालत झेलनी पड़ती है। विजय यादव वर्तमान में 22 ई-बस का संचालन किया जा रहा है। तीन बसें खराब है। जिनकी एसी काम नहीं कर रही है। स्टापेज का निर्धारण नहीं होने से बसें कदम-कदम पर रुकती हैं और दरवाजा खुलता रहता है। इसके चलते भी बस में कूलिंग नहीं हो पाती है। कंडक्टर-ड्राइवर को निर्देश दिया गया है कि ई-बस दरवाजे को बार-बार ना खोलें। इसके बावजूद भी लापरवाही मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। प्रदीप गौड़, मैनेजर, महेसरा डिपो

Posted By: Inextlive