जेल प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका से जुटाई जा रही क्रिमिनल्स की इंफॉर्मेशन

एक-एक कैदी का शासन के निर्देश पर पुलिस-प्रशासन तैयार कर रहा लेखा-जोखा

Meerut। विदेशों की तर्ज पर अब यूपी में भी क्रिमिनल्स की हिस्ट्री एक क्लिक पर जाहिर हो जाएगी। इसी के तहत मेरठ जेल में बंद 2600 क्रिमिनल्स का डाटाबेस ऑनलाइन फीड हो चुका है। दरअसल, इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) के तहत जेल में बंद क्रिमिनल का डोजियर तैयार किया जा रहा है। केस के ट्रायल के दौरान यह डाटाबेस जेल प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका के बीच जानकारियों को साझा करने के काम आएगा।

क्या है योजना

जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि मेरठ में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) से ई-प्रिजन और ई-कोर्ट ऐप को लिंक कर दिया गया। इससे महज एक क्लिक पर सक्षम अधिकारी अब देश के किसी भी थाने में दर्ज अपराधियों की पूरी जानकारी और उस अपराधी को लेकर होने वाली न्यायिक, अभियोजन, कारागार और न्यायपालिका से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगा। गौरतलब है कि यूपी देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां इस ऐप को इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस)के तहत सीसीटीएनएस से लिंक किया गया है। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि ई-प्रॉसिक्यूशन ऐप भी मेरठ समेत यूपी के सभी जनपदों में काम कर रहा है।

क्राइम हिस्ट्री आईसीजेएस पर अपलोड

आमतौर पर किसी भी क्रिमिनल की हिस्ट्री जानने के लिए एक लंबी प्रक्रिया को पार करना होता है। जेल प्रशासन, पुलिस या न्यायपालिका किसी भी क्रिमिनल की हिस्ट्री जुटाने के एक-दूसरे से पत्राचार करते थे। कभी-कभी सिर्फ इसलिए केसेज की सुनवाई डिले होती है क्योंकि क्रिमिनल की क्राइम हिस्ट्री पुलिस द्वारा समय से न्यायपालिका को उपलब्ध नहीं कराई जाती। जिसके चलते जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की निगरानी में क्रिमिनल हिस्ट्री को एनआईसी के कोऑर्डिनेशन से आईसीजेएस पर अपलोड किया जा रहा है। समय-समय पर इस कमेटी की बैठक भी हो रही हैं। गत दिनों भी जेल परिसर में आयोजित बैठक में एडीएम फाइनेंस सुभाष चंद्र प्रजापति, एसपी क्राइम राम अर्ज, जिला अभियोजन अधिकारी, जेल अधीक्षक आदि ने डाटाबेस को क्रॉस चेक किया। जेल अधीक्षक ने बताया कि यूपी के सभी थानों में सीसीटीएनएस प्रभावी है। इसमें क्राइम और क्रिमिनल्स से जुड़ी सभी सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। जिसे कभी भी कहीं से प्राप्त किया जा सकता है। इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए जेल में बंद क्रिमिनल की क्राइम हिस्ट्री को आईसीजेएस पर भी अपलोड किया जा रहा है। वहीं ई-प्रॉसिक्यूशन व्यवस्था के लागू होने से थाने से मिल रही अभियोजन से संबंधित सूचनाओं को भी क्रिमिनल की हिस्ट्री के साथ जोड़ा जा रहा है।

मेरठ जेल में बंद क्रिमिनल्स का डाटाबेस आईसीजेएस पर अपलोड कर दिया गया है। जेल प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका की विभिन्न प्रक्रिया के दौरान आवश्यकता पड़ने पर एक क्लिक पर क्रिमिनल का डाटाबेस और हिस्ट्री ऑनलाइन हासिल की जा सकती है। सक्षम अधिकारी आईडी को लॉगिन क्रिमिनल का डाटाबेस हासिल कर सकता है।

बीडी पांडेय, जेल अधीक्षक, चौधरी चरण सिंह जिला कारागार

एक क्लिक में खुलेगी कुंडली

मेरठ में ई-प्रिजन के सीसीटीएनएस से लिंक होने के बाद जेल में बंद क्रिमिनल की एक क्लिक में कुंडली स्क्रीन पर होगी। जिसमें

क्रिमिनल की व्यक्तिगत जानकारी जैसे, जन्मतिथि, पहचान चिह्न, धर्म, राष्ट्रीयता, शिक्षा, फोन नंबर, माता-पिता, पति-पत्‍‌नी का नाम, फोटो, हुलिया आदि की जानकारी होगी।

क्रिमिनल का स्थायी और अस्थायी पता।

क्राइम की जानकारी, एफआईआर का नंबर और धाराएं।

जेल का नाम, जेल में प्रवेश व रिहाई की तिथि।

संबंधित कोर्ट का नाम, कोर्ट से रिहाई की स्थिति व तिथि।

क्रिमिनल से संबंधित आपराधिक मामलों की संख्या और स्थिति।

ई-कोर्ट के सीसीटीएनएस के लिंक होने से ये जानकारियां मिल रही हैं

आपराधिक मामले का प्रकार।

थाने का नाम, प्रथम सूचना रिपोर्ट का विवरण।

आपराधिक मामले से संबंधित विक्टिम, एक्यूज्ड, धारा व अधिनियम का ब्योरा।

आपराधिक मामले से संबंधित विक्टिम, एक्यूज्ड पक्ष के वकील का नाम-पता।

न्यायालय का नाम, सुनवाई संबंधी तारीखों का विवरण आदि।

Posted By: Inextlive