-सेंसिटिव व हाइपर सेंसिटिव पोलिंग बूथ्स के नाम बदले

-केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार वनरेबल व क्रिटिकल नाम दिया गया

>DEHRADUN: लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अब सेंसिटिव व हाइपर सेंसिटिव पोलिंग बूथ नहीं कहलाए जाऐंगे। इनके स्थान पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने वनरेबल व क्रिटिकल नाम दिया है। कम से कम उत्तराखंड में तो यही व्यवस्था लागू मानी जाएगी, जो जल्द हो रहे विधानसभा चुनाव से शुरू मान ली जाएगी।

जिन पर रहती है खास नजर

विधानसभा व लोक सभा चुनाव के दौरान अक्सर केंद्रीय चुनाव आयोग की तरफ से हर जिलों में कुछ पोलिंग बूथ्स सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेंसिटिव माने जाते हैं। जिनको आयोग हाइपर सेंसिटिव व सेंसिटिव घोषित करता है। उत्तराखंड के अलावा देहरादून जिले में भी पिछले लोक सभा व विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे पोलिंग बूथ्स की काफी संख्या थी। जिस पर पुलिस व शासन-प्रशासन की खासी नजर थी। लेकिन अब चुनाव के दौरान सेंसिटिव व हाइपर सेंसिटिव बूथ्स नाम का शब्द नहीं रहेगा। इसके स्थान पर चुनाव आयोग ने वनरेबल व क्रिटिकल नाम दिया है। सेंसिटिव बूथ्स वनरेबल व हाइपर सेंसिटिव पोलिंग क्रिटिकल नाम से जाने जाएंगे।

चुनाव आयोग के निर्देश

बताया गया है कि कुछ दिनों पहले केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम देहरादून पहुंची थी। जब आयोग के अधिकारियों ने इस बावत राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब उत्तराखंड में सेंसेटिव के स्थान पर वनरेबल व हाइपर सेंसेटिव के स्थान पर क्रिटिकल नाम होगा। जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी पीएस रावत के अनुसार सेंसिटिव व हाइपर सेंसिटिव बूथ्स नहीं कहलाएंगे।

जिले में 1722 पोलिंग बूथ्स

2017 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए देहरादून जिले में इस बार 1722 बूथ्स बनाए गए हैं। जबकि पिछले साल केवल 1685 बूथ्स शामिल थे। इस प्रकार से दून जिले में 37 नए बूथों का इजाफा हुआ है। जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक जिस प्रकार से वोटरों में इजाफा हो रहा है। उसको देखते हुए पोलिंग बूथ्स में बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिनको ऑक्जलरी (सहायक मतदेयय) के तौर पर तैयार किया जा सकता है।

Posted By: Inextlive