-हरीश रावत ने नाम लिए बिना किया बहुगुणा पर हमला

-बहुगुणा ने भी छोड़े जवाबी तीर, सीएम पर बीजेपी के वार

देहरादून:

सूबे में इन दिनों नरकंकालों को लेकर राजनीति गर्म है। आपदा के वक्त लाशों पर सियासत हुई और अब कंकालों पर सियासी कोहराम मचा हुआ है। केदारघाटी के त्रिजुगीनारायण ट्रैक पर नरकंकाल मिले तो जैसे बीजेपी को सीएम पर हमले का मौका मिल गया। लेकिन सीएम भी चुनाव को देखते हुए बाजी मारने के लिए सारा ठीकरा विजय बहुगुणा के मत्थे फोड़ दिया। सीएम ने नरकंकाल मिलने के मुद्दे पर बाकायदा सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि उन्होंने ये दावा कभी नहीं किया कि केदारघाटी में अब नरकंकाल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये जिम्मेदारी उस सरकार को चलाने वाले मुखिया की थी जिसने सर्च ऑपरेशन रुकवाया। सीएम ने कहा अब तक 32 नरकंकाल मिले हैं और 10 दिन तक सघन कॉम्बिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से 23 का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। लकडि़यों की कमी के कारण बाकियों का अंतिम संस्कार कल नहीं हो पाया। सभी का विधिवत अंतिम संस्कार कराया जाएगा और हरिद्वार, त्रियुगीनारायण और इलाहाबाद में इनका अस्थि विसर्जिन किया जाएगा। रावत ने साफ कहा कि केदारनाथ की त्रासदी इतनी बड़ी रही है कि सरकार ये कहने की स्थिति में फिर भी नहीं रहेगी कि अब वहां कोई शव नहीं है। सीएम हरीश रावत के इस बयान ने आईनेक्स्ट की उस रिपोर्ट पर भी मुहर लगाई है, जिसमें प्रकाशित किया गया था कि केदारघाटी में दर्जनों नहीं, बल्कि सैकड़ों नरकंकाल हैं।

वर्जन

मैंने कभी नहीं कहा कि केदारघाटी में अब नरकंकाल नहीं हैं। वो आपदा बहुत बड़ी थी। ऑपरेशन ओवर उन लोगों ने कराया जो उस वक्त सरकार चला रहे थे। मैंने तो सर्च ऑपरेशन स्टार्ट किया है। बीजेपी तो रामजन्मभूमि मुद्दे से ही लाशों पर राजनीति करती रही है और अब भी कर रही है।

हरीश रावत, सीएम

मैंने कभी सर्च अभियान रोकने के निर्देश नहीं दिए। फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत को नरकंकालों की खोज का अभियान चलाना चाहिए था। हमारी सरकार के दिशा निर्देशों पर रेस्क्यू चलाने वाली फोर्सेज ने हजारों लोगों को जिंदा बचाया। जब हरीश रावत सीएम बने तो उन्होंने सर्च अभियान क्यों नहीं चलाया?

विजय बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री

कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है। केंद्र से मदद न मिलने के कारण शवों की खोज न हो पाने का मुख्यमंत्री का बयान बचकाना है। उस वक्त रावत खुद केंद्रीय मंत्री थे। तब उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया? मोदी सरकार द्वारा दी गई राहत राशि को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। सीएम केंद्र से मिली आपदा राहत राशि का पूरा विवरण जनता के समक्ष रखें।

अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष

Posted By: Inextlive