आई स्पेशल

-नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों की सूची तैयार

-राजा जी और कार्बेट पार्क के निकट 40 होटल-रिसॉ‌र्ट्स को नोटिस जारी

-सीवरेज प्रबंधन और वाटर हार्वेस्टिंग सहित कई बिंदुओं पर मांगा जबाव

-रिजर्व फॉरेस्ट के पास चल रहे करीब 140 से अधिक रिसॉर्ट और होटल चिह्नित

>DEHRADUN: नदियों में डाले जा रहे होटल, रिसॉर्ट के सीवरेज और अन्य कूडे़ को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में ही देहरादून, राजा जी पार्क और कार्बेट की सीमा पर चल रहे क्ब्0 से अधिक होटल व रिसॉर्ट की सूची तैयार की है। इसमें करीब ब्0 को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। उनसे कूड़ा निस्तारण, सीवरेज प्रबंधन, वाटर हार्वेस्टिंग जैसे बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती बढ़ने से होटल व रिसॉर्ट संचालकों में हड़कंप मच गया है।

नदियां हो रही प्रदूषित

देहरादून की बात करें तो रिस्पना और बिंदाल में रोजाना सात हजार करोड़ लीटर सीवर गिराया जाता है, जो सुसवा नदी और फिर गंगा तक पहुंचती हैं। वहीं राजा जी पार्क सहित देहरादून-मसूरी रोड पर भी दो दर्जन से ज्यादा रिसॉर्ट और होटल हैं। देहरादून जिले की बात करें तो ऐसे होटल व रिसॉर्ट की संख्या क्00 के आसपास होगी, जो रिजर्व फॉरेस्ट की सीमा या उसके आसपास हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन होटल, रिसॉर्ट का सीवर नदी, नालों के रास्ते गंगा तक पहुंचता है।

कमाई में पर्यावरण को भूले

कार्बेट पार्क उत्तराखंड की ऐसी जगह हैं, जहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इनकी संख्या इतनी अधिक रहती है कि कार्बेट पार्क द्वारा बनाए गए गेस्ट हाउस पहले ही बुक रहते हैं। ऐसे में अधिकांश पर्यटक सीमा से सटे रिसॉर्ट, होटल में ठहरते हैं। कार्बेट की सीमा का आंकड़ा देखें तो होटल और रिसॉर्ट की संख्या ख्00 से अधिक है। इनमें से अधिकांश का सीवर और कूड़ा कार्बेट पार्क से होकर गुजरने वाली रामगंगा, सोना, पातली, कोसी और अन्य नदियों में नालों के जरिए पहुंच जाता है।

यह हैं मुख्य कमियां

-होटल व रिसॉ‌र्ट्स में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होना

-कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होना

-जैविक और अजैविक कचरे को अलग-अलग निस्तारण न करना

-वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्थ्ा न होना

इनके लिए जरूरी है नियमाें का पालन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने अभियान में दस से अधिक कमरों वाले होटल को नोटिस भेजे हैं। इनके लिए निर्धारित मानकों का पालन करना जरूरी है। कमाल यह है कि अब तक राजनीति संरक्षण के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई नहीं कर पा रहा था, लेकिन अब बोर्ड ने कार्रवाई को कमर कस ली है।

देहरादून सहित प्रदेश में सर्वे जारी

पहले चरण की कार्रवाई के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देहरादून सहित पूरे प्रदेश में सर्वे शुरू कराया है। इस सर्वे में ऐसे ही निर्माण चिह्नित किए जा रहे हैं, जिन्होंने एनओसी नहीं ली है। या फिर एनओसी लेने के बाद निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया है।

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देहरादून में राजा जी पार्क, ऋषिकेश का क्षेत्र और कार्बेट पार्क सहित कई जगहों पर स्थित होटल, रिसॉ‌र्ट्स पर सर्वे चल रहा है। अभी तक ब्0 से अधिक को नोटिस जारी हो चुका है। वहीं क्ब्0 के खिलाफ नोटिस की तैयारी है। उनसे निर्धारित मानकों पर जबाव मांगा गया है। जबाव आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

--विजय सिंघल, सचिव, सदस्य, उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

Posted By: Inextlive