नोवल कोरोना वायरस को लेकर शोधकर्ताओं ने चेतावनी जारी किया है। उनका मानना है कि बच्चों में मल्टीसिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम एमआईएस-सी का संबंध कोविड-19 से है। इसमें बच्चों का हृदय पर गहरा असर पड़ता है। इस वजह से जीवन भर उनकी देखभाल करनी पड़ सकती है।


न्यूयाॅर्क (आईएएनएस)। द लेंसेट के एक जर्नल ई क्लीनिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक रिव्यू के मुताबिक, एक केस स्टडी में यह पाया गया है कि स्वस्थ बच्चों में असिम्टोमैटिक संक्रमण के बाद तीस से चार सप्ताह में एमआईएस-सी के लक्षण दिख रहे हैं। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के अलवारो मोरिरा जो शोध के लेखक भी हैं, ने कहा कि बच्चों में कोविड-10 से एमआईएस-सी हो जा रहा है और उनमें अपर रिपाइरेटरी सिम्टम्स भी नजर नहीं आ रहे हैं। उनका कहना था कि यह डराने वाला है।बिना लक्षण के पनप रही है बीमारी
मोरिरा ने कहा कि बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। किसी को यह पता नहीं चलता कि उनमें यह बीमारी पनप रही है। कुछ सप्ताह बाद ही उनका शरीर इस बीमारी से गंभीर रूप से बीमार हो जा रहा है। एमआईएस-सी के 662 बच्चों की समीक्षा करने के बाद यह सात सामने आई है। शोध में शामिल बच्चे दुनिया भर के थे। ये बच्चे 1 जनवरी से 25 जुलाई के बीच बीमार थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि आईसीयू में भर्ती बच्चों के 71 प्रतिशत और कम से कम 60 प्रतिशत बच्चों में शाॅक देखा गया।कोविड से से बच्चों में नई बीमारी


शोध के मुताबिक, औसतन बच्चों को 7.9 दिन तक अस्प्ताल में भर्ती किया गया। 100 प्रतिशत बच्चों को बुखार की शिकायत थी। 73.7 प्रतिशत के पेट में दर्द था या उन्हें डायरिया था। 68.3 प्रतिशत बच्चों को उल्टी की भी शिकायत थी। इनमें से 22.2 प्रतिशत बच्चों को वेंटिलेटर पर रखा गया था। 4.4 प्रतिशत को बाहर से ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ी। मोरिरा ने बताया कि 11 बच्चों की मौत भी हो गई। बच्चों में यह एक नई बीमारी है जो संभवतः एसएआरएस-कोव-2 के कारण हो रही है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh