Patna : धन्य है पटना साहिब जहां सिखों के गुरुओं के चरण पड़े. गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने यहां अवतार लिया तो बचपन में अनेक लीलाएं कर लोगों को अचंभित किया.


देहु शिवा वर मोहे ऐसेउन्हीं को याद कर तख्तश्री हरिमंदिर जी प्रबंधक कमेटी संगतों के सहयोग से उनका 346वां प्रकाश उत्सव मना रही है। तीन दिनों तक चलने वाले समारोह का आगाज बुधवार को बड़ी प्रभातफेरी से हुआ। सुबह में दशमेश दरबार में धार्मिक आयोजन शुरू हुआ, जिसके बाद बैंड वाले धुन पर देहु शिवा वर मोहे ऐसे इस बीच रिहाइशों से निकल कर संगतों का कैंपस में आना शुरू हुआ। आगे में हाथी, ऊंट व घोड़े, जिसके बाद बैंड बाजा का जत्था और कीर्तन करते श्रद्धालु। पंजाब से आए गतका पार्टी के मेंबर अपना करतब दिखा रहे थे। बीच-बीच में संगत बोले सो निहाल, सतश्री अकाल व वाहे गुरु का नाम सिमरन करते चल रहे थे। कवि दरबार के शौकीन थे दशमेश पिता
दशम पातशाह साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज अच्छे कवि थे। वे आए दिन कवियों का दरबार लगाकर उनकी रचनाएं सुना करते थे। कुछ कवियों ने उनका कवि प्रेम जानने की परीक्षा भी ली, पर नतमस्तक हुए। उसी याद में तख्तश्री कमेटी की ओर से कवि दरबार आयोजित किया जाता है। देशभर के कवियों की प्रस्तुति


तख्तश्री कमेटी के वीपी आरएस जीत व जीएस चरणजीत सिंह ने बताया कि रात में कवि दरबार हुआ, जिसमें दिल्ली के हरदीप सिंह, भाई प्रेम सिंह, परमजीत कौर, चमनजीत सिंह जी लाल, महेंद्र सिंह बाबा, मनिंदर सिंह, होशियारपुर से बीबी हरजीत कौर, अमृतसर के भाई मलकियत सिंह, तख्तश्री पटना साहिब के जत्थेदार भाई इकबाल सिंह, सरदार रंजीत सिंह मस्कीन, लुधियाना के पिंदरपाल सिंह, इंडियन आइडियल के देवेंदरपाल सिंह व मुंबई के भाई इकबाल सिंह ने कविता पाठ किया। इस मौके पर तख्तश्री कमेटी के प्रेसीडेंट आरएस गांधी, वीपी महाराजा सिंह, गुरिंदरपाल सिंह, सरजिंदर सिंह आदि मौजूद थे।

Posted By: Inextlive