जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी। एक बार यह और होनी चाहिए। इससे बहुत चीजें साफ हो जाएंगी। यह बातें सीएम नीतीश कुमार ने कही। दरअसल दो दिन पूर्व विधानसभा में एनपीआर और एनआरसी के मसले पर आए कार्यस्थगन प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इस विषय पर चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने सदन से आग्रह किया था कि जाति आधारित जनगणना कराए जाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाए। इस पर विपक्ष की भी सहमति थी।

पटना (ब्यूरो)बिहार विधानसभा ने गुरुवार को यह प्रस्ताव पारित किया। प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस आशय का प्रस्ताव पढ़ा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी प्रदान की गयी। महाराष्ट्र के बाद बिहार दूसरा राज्य है, जिसने यह प्रस्ताव केंद्र को भेजने का निर्णय लिया है। विस में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि अगले वर्ष होने वाली जनगणना के तहत जाति आधारित जनगणना करायी जाए।

वर्ष 2011 में भी उठी थी मांग

महाराष्ट्र के बाद बिहार दूसरा राज्य है जिसने यह प्रस्ताव केंद्र को भेजने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष 18 फरवरी को भी विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया था। सीएम का कहना है कि अगले वर्ष जनगणना होनी है इसलिए फिर से प्रस्ताव पारित कर भेजा जाना चाहिए। वर्ष 2011 में भी इस आशय की मांग की गई थी।

पूर्व राष्ट्रपति से मिला था परामर्श

सीएम ने बताया कि इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने परामर्श दिया था। बात उन दिनों की है जब वीपी सिंह की सरकार में राज्य मंत्री थे। दोपहर में भोजन के लिए घर आए थे। इसी बीच सूचना दी गयी कि पूर्व राष्ट्रपति मिलना चाहते हैं। मैं परेशान कि भला पूर्व राष्ट्रपति घर मिलने क्यों आना चाहते हैं? मैं खुद उनसे मिलने चला गया। उन्होंने कहा कि आप जाति आधारित जनगणना की बात उठाएं।

कपिल मिश्रा को लेकर नारेबाजी

सीएए मसले पर दिल्ली की ¨हसा के मामले में पूर्व विधायक व भाजपा नेता कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग पर विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान भाकपा (माले) विधायकों ने पोस्टर के साथ नारेबाजी की। पार्टी के तीनों विधायक वेल में पहुंच गए। सदन में नारेबाजी के पूर्व भाकपा (माले) विधायकों ने विधानमंडल परिसर में पोस्टर के साथ नारेबाजी की।

सड़क दुर्घटनाएं चार प्रतिशत बढ़ीं

9990 सड़क दुर्घटना में 7184 लोगों की मौत अपराध अनुसंधान विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2018 में राज्य में 9600 सड़क दुर्घटनाओं में 6729 लोगों की मौत हुई थी। जबकि पिछले वर्ष यानी 2019 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 9990 सड़क दुर्घटनाएं हुई। जिनमें 7184 लोगों की मौत हुई। यह जानकारी विधान परिषद में प्रश्नोत्तर काल में परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने दी।

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Posted By: Patna Desk