पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले बजट से काफी उम्‍मीदें लगाई जा रही हैं. आम आदमी और उद्योग जगत को उम्‍मीद है कि वेतनभोगी वर्ग के लिए कर राहत को आगे बढ़ाया जायेगा. इसके साथ ही निवेश और विकास में तेजी लाने के लिए कदम उठाये जायेंगे.


वादे पूरे हाने की उम्मीदविशेषज्ञों का कहना है कि मोदी ने चुनाव पूर्व रोजगार बढ़ाने, मंहगाई घटाने और विकास में तेजी लाने के वादे जो किये थे. इससे उम्मीदें जगी हैं कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए कदम उठाये जायेंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार 10 जुलाई को लोकसभा में मोदी सरकार का पहला बजट पेश करेंगे. देश मे केपीएमजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड रेखी ने कहा कि लोगों को उम्मीद है कि बजट विकास मे तेजी लायेगा, मंहगाई घटाने वाला होगा और राजकोषीय घाटा कम करने वाला होगा. जेटली ने हाल ही में  कहा था कि उनका बजट लोकलुभावन नहीं होगा और विकास में तेजी लाने के लिए साहसिक कदम उठाये जायेंगे. कर, पेंशन और जीवन बीमा हैं खास
माना जा रहा है कि इस बजट में कर छूट की सीमा को वर्तमान 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया जायेगा. कुछ खास खर्चों, पेंशन तथा जीवन बीमा में किये गये निवेश पर कर छूट सीमा बढ़ाई जा सकती है. जेटली ने वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र के लिये पहले ही उत्पाद शुल्क की अवधि को छह महीने के लिये बढ़ा दिया है. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य एक्जीक्यूटिव आफीसर और मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश शूद ने कहा कि बजट स्पष्ट संदेश होना चाहिये कि भारत कारोबारी गतिविधि के लिये खुला रवैया रखता है. यह भ्रष्टाचार विरोधी है और आम आदमी की जीवन दशा बेहतर करना चाहता है. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा कराये गये एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि बजट विकास परक होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh