संसद में लगातार हंगामें के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के सेव‍ान‍िवृत्‍त सदस्‍यों की व‍िदाई पर भाषण द‍िया। इस दौरान उन्‍होंने राज्यसभा की कार्यवाही में व्यवधान पर अफसोस जताया है। इसके साथ ही यह भी कहा क‍ि राज्‍यसभा को अपने न‍िचले सदनों में जो कुछ हो रहा है क‍ि उसका अनुसरण करने की जरूरत नहीं हैं।

राज्यसभा में लोकसभा का अनुसरण जरूरी नहीं
दिल्ली, (आईएएनएस)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में कहा कि लोकसभा में जो घटित हो रहा है राज्यसभा को उसका अनुसरण करने की जरूरत नही है। प्रधानमंत्री का कहना था कि ऊपरी सदन का विशेष महत्व है। नीति निर्धारण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्यसभा में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो किसी पार्टी की विचारधारा से नहीं जुड़े हैं। खास बात तो यह है कि यहां के अधिकांश सदस्य किसी न किसी वैचारिक पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। ऐसे में साफ है कि वे सदन में अपना मजबूत दृष्टिकोण स्थापित करने की कोशिश करते हैं लेकिन साथ ही हम यह भी उम्मीद नही रखते हैं कि जो भी कुछ लोकसभा में घटित हो रहा है वह राज्यभा में भी हो। राज्यसभा में लोकसभा का अनुसरण अनिवार्य नहीं है।
सभी सदस्यों ने बेहतर तरीके से योगदान दिया
इस दौरान उन्होंने विदाई भाषण में सेवानिवृत्त सदस्यों के कार्यों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री का कहना था कि तीन तलाक विधेयक देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। ऐसे में यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये सेवानिवृत्त सदस्य तीन तलाक विधेयक लाए जाने के दौरान निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे। इन सभी सेवानिवृत्त सदस्यों ने अपने तरीके से बेहतर योगदान दिया है। राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए अपनी योग्यता के अनुसार काम किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि सेवानिवृत्त सदस्य आगे भी एक्टिव रहेंगे। वे अब समाज सेवा में और भी ज्यादा मजबूत और प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे।

सेवानिवृत्त सदस्यों के विशिष्ट कार्यो का उल्लेख किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सदस्यों से आगे भी जुड़े रहने की बात कही। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा कार्यालय आप सभी के लिए हमेशा खुला है। आप किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर कभी भी अपने विचार बेझिझक साझा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कई सेवानिवृत्त सदस्यों के विशिष्ट कार्यो का उल्लेख किया। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व अटॉर्नी जनरल के.पराशरन, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, हॉकी की दुनिया से दिलीप तिर्की, उप सभापति पी.जे. कुरियन जैसे सदस्यों का नाम लिया गया।

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Posted By: Shweta Mishra