- शहर के आधा दर्जन एरियाज में गंदे पानी सप्लाई

- एक लाख से ज्यादा की आबादी है प्रभावित

- अफसरों की लापरवाही के चलते नहीं सुलझी समस्या

GORAKHPUR: गोरखपुर में अगर आप जलकल द्वारा सप्लाई किए जा रहे जल को पी लेंगे तो आपका कल, यानी फ्यूचर बिगड़ना तय है। यह हम नहीं बल्कि यह शहर के वो लाखों लोग कह रहे हैं, जिनके घरों में यह पानी सप्लाई हो रहा है। लोगों का कहना है कि पिछले एक साल से शहर के आधा दर्जन एरियाज में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। शिकायत किए जाने के बावजूद इसमें सुधार नहीं होता है। जबकि, कागजों पर इसके सुधार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। पानी की क्वॉलिटी इतनी बेकार है कि बाल्टी में भरने के एक से डेढ़ घंटे के अंदर पानी पीला हो जा रहा है।

जेब पर पड़ रहा भारी

जलकल अधिकारियों की लापरवाही पब्लिक पर भारी पड़ रही है.गीता प्रेस के सामने के मोहल्ले में पिछले डेढ़ साल से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। यहां की रहने वाली रजनी गुप्ता का कहना है कि गंदे पानी के डर से ही आरो लगाया, लेकिन स्थिति यह है कि आरो में लगा बाउल और कैंडल हर माह बदलना पड़ता है। 500 रुपए हर माह एक्स्ट्रा खर्च करने पड़ते हैं। शारदा देवी का कहना है कि डेली 15 रुपए का जार वाला पानी मंगाना पड़ता है, जिसके कारण हर माह 400 से 500 रुपए तक का भार पड़ रहा है। रानीबाग के दामोदर दास गुप्ता ने बताया कि एक माह में पानी टंकी में पांच से सात इंच बालू जमा हो जाता है। जिनके घर आरो नहीं लगा है वह अब जार का पानी मंगाने लगे हैं।

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कहीं पानी व्यापारियों से मिली भगत तो नहीं

जिस एरिया में गंदा पानी आ रहा है, वहां के लोग एक आशंका और भी जता रहे हैं। इन मोहल्लों के निवासियों का कहना है कि वहां जार का पानी सप्लाई करने वालों का व्यवसाय भी खूब पनप रहा है। क्षेत्र में चर्चा है कि गंदे पानी के पीछे अधिकारियों और पानी बेचने वालों की मिलीभगत है। दीवान बाजार के संतोष मौर्या का कहना है कि एक साल पहले केवल गीता प्रेस के सामने वाले शेषपुर में गंदा पानी आता था। लेकिन अब तो जाफरा बाजार, उंचवा, रानीबाग, महुईसुघरपुर और आजाद चौक एरिया में भी गंदा पानी आने लगा है। इस वजह से यहां जार का पानी खूब बिक रहा है और यहां सप्लाई करने वालों की संख्या भी अधिक है।

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गंदे पानी से ये होता है नुकसान

जिला अस्पताल के डॉ। बीके सुमन का कहना है कि गंदे पानी से बहुत से रोग हो सकते हैं

-बालू युक्त पानी आंत को प्रभावित करता है।

-गंदे पानी से हैजा, डायरिया, टायफायड, पीलिया, दस्त का भी खतरा रहता है।

- त्वचा रोग, आंखों की बीमारी, गुर्दे की बीमारी आदि भी हो सकते हैं।

- जिला अस्पताल में हर रोज पेट की बीमारी से ग्रस्त 50 से 100 मरीज आते हैं।

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टेबल फॉर्मेट में लगाएं

इन एरियाज में है प्रॉब्लम

रुस्तमपुर

आजाद चौक

फुलवरिया

रुस्तमपुर ढाला

शिवाजी नगर

शक्ति नगर

साकेत नगर

बगहा बाबा मंदिर

सर्वोदय नगर

चिलमापुर

उचवां

जाफरा बाजार

शेषपुर

हांसूपुर दुर्गाचौक

बसंतपुर

लालडिग्गी

(इन मोहल्लों में शहर की करीब एक लाख आबादी रहती है.)

Posted By: Inextlive