रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इंटरनेट को अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का प्रोजेक्ट बताते हुए अपने देशवासियों को गूगल सर्च के प्रति आगाह किया है.


समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में एक मीडिया फोरम में कहा कि वर्ल्ड वाइड वेब को सीआईए ने विकसित किया था और अब भी इस पर अमरीका का नियंत्रण है.रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि  एडवर्ड स्नोडेन ने अमरीका द्वारा इंटरनेट की जासूसी का जो भंडाफोड़ किया है उससे साबित होता है कि अमरीका 'सूचना के टकराव' में संलिप्त है.उन्होंने कहा कि रूस को इंटरनेट पर अमरीका के एकाधिकार समाप्त करने के लिए प्रयास करने चाहिए और ऑनलाइन पर अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए.पुतिन ने संकेत दिया कि सरकार के स्तर पर इसकी प्रक्रिया चल रही है.रूसी संसद ने एक ऐसा क़ानून पारित किया है जिसके तहत सोशल मीडिया वेबसाइट्स को न केवल अपने सर्वर रूस में लगाने होंगे बल्कि यूजर्स की जानकारियों को छह महीने तक सुरक्षित रखना होगा.


रूसी राष्ट्रपति ने आगाह किया, ''गूगल पर आने वाली कोई भी जानकारी उन सर्वर से गुजरती है, जो अमरीका में हैं और जिसकी हर जानकारी पर उनकी नज़र है.''रूसी सर्च इंजन पर निशाना

बेशक इंटरनेट को लेकर अभी दुनियाभर में राजनीतिक बहसों का ही दौर है लेकिन रूस ने तो इस पर एक नया क़ानून ही बना डाला है जिसमें सरकार बिना अदालती आदेश के किसी भी साइट को कालीसूची में डाल सकती है.इसके चलते रूस में विपक्षी नेता अलेक्सी नावल्नी का लोकप्रिय ब्लॉग ब्लॉक कर दिया गया है.  एक अन्य वेबसाइट, जो विपक्षी मुद्दों को उठाती रही है, उसके संपादक को हटा दिया गया है. सरकार द्वारा अतिवाद की चेतावनी के बाद वेबसाइट ने ये क़दम उठाया.रूस ने इसी हफ़्ते एक नया क़ानून पास किया है, जिसके चलते लोकप्रिय ब्लॉगरों को अपनी साइट को रजिस्टर कराना होगा. उन पर वही नियम लागू करने होंगे, जो मास मीडिया पर होते हैं.पुतिन लगातार  इंटरनेट को निशाना बनाते रहे हैं, एक बार तो उन्होंने इसे 'आधा पोर्नोग्राफी' भी बताया था. हालांकि प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव लगातार ट्विटर पर मौजूद दिखते हैं.वैसे इस महीने की शुरुआत में पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने भी बताया था कि राष्ट्रपति नियमित इंटरनेट यूजर हैं और फ़ोटोशॉप चुटकुलों पर हंसते भी हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh