दो दिन से टीम कर रही शहर में मूवमेंट, नही बदल रही शहर की सूरत

टीम को मिली निरीक्षण में खामियां ही खामियां

Meerut । स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सफलता के लिए निगम के दावों की जांच करने के लिए क्यूसीआई यानि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम का मूवमेंट शुक्रवार को शहर में रहा। टीम के सदस्यों ने निगम के आला अधिकारियों से दूरी बनाते हुए विभिन्न लोकेशन पर किए गए निगम के दावों और जनता के फीडबैक के आधार पर अपनी जांच की और रिपोर्ट तैयार कर वापस चली गई। दो दिन चले इस फीडबैक के बाद अब अगले चरण में निगम के ओडीएफ प्लस के दावों की जांच करने के लिए टीम का औचक निरीक्षण होगा।

गंदगी की बाधा

स्वच्छता सर्वेक्षण में सफलता के लिए शहर को कूड़ा मुक्त बनाने की कवायद और साफ सफाई प्रमुख मानक है, लेकिन निगम इस प्रमुख मानक पर खरा नही उतर रहा है। शहर की सभी प्रमुख सड़कों और वार्डो में जगह जगह कूड़ा फैला है। डस्टबिन तक कूडे़ से भरे हुए हैं। ऐसे में टीम के निरीक्षण में यह कूड़ा निगेटिव साबित हो सकता है। वहीं गांवडी प्लांट की शुरुआत अभी पूरी तरह से नही हो सकी है हालांकि यहां कूड़ा अलग करने की प्रक्रिया और परतापुर में कूडे़ से बिजली बनाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है लेकिन इस प्लांट के बाद भी कूड़ा निस्तारण 10 प्रतिशत भी नही है। वहीं लोहियानगर और मंगतपुरम डंपिंग ग्राउंड की हालत का भी टीम द्वारा निरीक्षण किया गया।

डस्टबिन तक का निरीक्षण

अपने दो दिन के निरीक्षण में टीम ने निगम द्वारा दी गई लोकेशन का निरीक्षण करने के साथ साथ शहर के होटल, हॉस्पिटल और स्कूल समेत बैक्वेट हॉल में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को देखा। साथ ही साथ स्टॉफ से कूड़ा निस्तारण की जानकारी ली। हॉस्पिटल के आसपास खुली जगह पर कूड़े स्थलों की जांच की गई। इसके साथ ही शहर के डस्टबिन का निरीक्षण किया गया। इसमें नए स्टील डस्टबिन और पुराने डस्टबिन की हालत और कूडे़ की स्थिति की जांच की गई। वहीं टीम ने सड़कों से लेकर पार्क तक की साफ सफाई और गलियों में नालियों और नाले की साफ सफाई तक की जांच की गई।

अटकी निगम की सांस

टीम ने शहर के विभिन्न वार्डो में जांच साफ सफाई के निरीक्षण के साथ स्थानीय लोगों से निगम की कार्यप्रणाली के विषय में जानकारी ली। इस दौरान लोगों ने टीम को क्या जवाब दिया इसकी जानकारी किसी को भी नही दी गई। लोगों के फीडबैक के आधार पर टीम ने मेरठ निगम की मार्किंग की है। ऐसे में निगम के आला अधिकारियों के लिए यह फीडबैक पॉजीटिव होना बहुत जरुरी है।

टीम से हमारा कोई संपर्क नही था टीम ने अपनी सुविधा के अनुसार शहर का निरीक्षण किया और लोगों से बात की है। अब ओडीएफ प्लस की जांच के लिए औचक निरीक्षण होगा उसके लिए हम तैयार हैं।

- डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive