जेएनयू में हुई राष्ट्र विरोधी नारेबाजी को लेकर तेज हुई सियासी तकरार के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी कनेक्शन के प्रति सचेत किया तो एक अलग ही संग्राम खड़ा हो गया। दरअसल इलाहाबाद में राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को यह सच्चाई समझने की जरूरत है कि जेएनयू की घटना को आतंकी हाफिज सईद का समर्थन मिला है। ऐसे समय में पूरे देश को एक स्वर में बोलना चाहिए।

पार्टियों से की अपील
उन्होंने ये भी कहा कि वह सभी पार्टियों से अपील करते हैं कि इन घटनाक्रमों को राजनीतिक नफे-नुकसान के चश्मे से न देखें। विपक्ष ने राजनाथ के इस बयान पर सबूत देने की मांग की तो गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि गृह मंत्री का बयान विभिन्न एजेंसियों से मिले इनपुट पर आधारित है। हालांकि प्रवक्ता ने कोई और ब्योरा नहीं दिया है।
ऐसा था मामला
गौरतलब है कि हाफिज सईद ने दो दिन पहले कई ट्वीट कर पाकिस्तानियों से अपील की थी कि वे अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने वाले जेएनयू के पाकिस्तान समर्थक छात्रों का समर्थन करें। गृह मंत्री का बयान हाफिज के उसी बयान के संदर्भ में आया है। याद दिला दें कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर जेएनयू में 9 फरवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी हुई थी। वाम दलों ने गृह मंत्री के आरोपों को गंभीर मानते हुए उनसे सबूत बताने की मांग की।
बोले माकपा नेता
इसपर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि जब वे शनिवार को गृह मंत्री से मिले थे, तब उन्होंने हाफिज सईद की कोई बात नहीं कही थी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी वाम नेताओं की मांग का समर्थन किया। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस इस जांच में लगी है कि जिस ट्विटर हैंडल से हाफिज सईद का बयान आया, क्या वह वाकई उसी का है। दिल्ली पुलिस आयुक्त कार्यालय के ट्विटर हैंडल से जेएनयू और देश भर के छात्रों को अलर्ट जारी कर कहा गया है कि राष्ट्र विरोधी बयानबाजी से दूर रहें। इस तरह की बयानबाजी दंडनीय अपराध है।

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Posted By: Ruchi D Sharma