मानसून सत्र में आज राज्यसभा से आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक 2020 पास हो गया है। विधेयक पास होने के बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने सांसदों को धन्यवाद दिया। इसे कल मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन पेश किया गया था।

नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच शुरू हुए मानसून सत्र में आज तीसरे दिन आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2020 को हरी झंडी मिल गई है। राज्यसभा में बुधवार को काफी देर चर्चा के बाद आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2020 को पारित कर दिया गया। इस विधेयक में तीन संस्थानों का विलय करने की मांग की गई है। जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, गुलाबकुंवरबा आयुर्वेद महाविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद फार्मास्यूटिकल साइंसेज के विलय पर मुहर लग गई है। अब जामनगर, गुजरात में स्थित आयुर्वेद विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया जाएगा।

Rajya Sabha passes the Institute of Teaching and Research in Ayurveda Bill, 2020. pic.twitter.com/CVOS6Cfiqo

— ANI (@ANI) September 16, 2020


डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, यह बिना किसी पूर्वाग्रह के चुना गया
उच्च सदन में आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पर बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, यह बिना किसी पूर्वाग्रह के चुना गया है। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि यह 1956 में सरकार द्वारा बनाई गई सबसे पुरानी आयुर्वेद संस्था है।यह डब्ल्यूएचओ के लिए पूरी दुनिया में आयुर्वेद के लिए एकमात्र सहयोग केंद्र है। पिछले 20 वर्षों में, 65 देशों के छात्र इस जगह पर आए हैं।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने बिल पास होने पर सांसदों को दिया धन्यवाद
प्रत्येक पैरामीटर पर हम कह सकते हैं कि यह नंबर एक संस्थान है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आयुर्वेद के प्रभाव और इस्तेमाल को लेकर कहा कि भारत सदियाें से इसका प्रयोग करता आ रहा है। हमारे वेद इसके साक्षी हैं। डॉक्टर हर्षवर्धन ने आयुर्वेद बिल पास होने पर सांसदों को धन्यवाद भी दिया। लोकसभा ने पहले ही आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक-2020 को मंजूरी दी थी।

Posted By: Shweta Mishra