Ratan Tata will hand over the reins of the group to 44 year-old Cyrus Mistry who was chosen his successor in 2011 and formally appointed Chairman earlier in December.


टाटा ग्रुप को बुलंदियां देने वाले इसके चेयरमैन रतन टाटा अपने 75वें बर्थडे पर कंपनी की कमान नए चेयरमैन सायरस मिस्त्री को सौंप देंगे. 50 साल तक टाटा ग्रुप का हिस्सा रहे रतन टाटा ने टाटा समूह को 100 अरब डॉलर के ग्रुप में तब्दील किया. उन्होंने 1991 में टाटा ग्रुप का बिजनेस अपने हाथों में लिया था. रतन टाटा ने कंपनी का बिजनेस 80 देशों में फैलाया और कंपनी को इंडिया की ही नहीं दुनिया की सबसे सक्सेफुल कंपनियों में शुमार कर दिया. बजाएंगे पियानो और उड़ाएंगे जहाज जब रतन टाटा से यह पूछा गया कि वे रिटायर होने के बाद क्या करेंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि अब वे अपने वे शौक पूरा करेंगे जिनके लिए उन्हें टाइम नहीं मिल पाया था. उन्होंने कहा कि अब वे पियानो बजाएंगे और प्लेन उड़ाएंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि वे सोशल एक्िटविटीज में भी शामिल होंगे.


14,000 करोड़ से 4,75,000 करोड़ का सफर

जिस समय रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की बागडोर संभाली थी उस समय इस ग्रुप का टर्न ओवर 14000 करोड़ था. आज जब वे रिटायर हो रहे हैं तो इस ग्रुप का टर्नओवर 4 लाख 75 हजार करोड़ हैं. 21 साल में रतन टाटा ने कंपनी का बिजनेस पूरी दुनिया में फैला दिया. आज टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं, जो नमक से लेकर सॉफ्टवेयर और स्टील से लेकर कार बनाने में लगी हुई हैं. सुई से लेकर ट्रक बनाने का कारनामा टाटा ग्रुप के बारे में एक बहुत मशहूर कहवात है कि यह कंपनी सुई से लेकर ट्रक तक बनाती है. आपने लोगों को यह कहते हुए भी सुना होगा कि आए बड़े टाटा की औलाद. जिससे साफा होता है कि रतन टाटा आम और खास सबके बीच बहुत पॉपुलर थे. अपनी इसी सोच को सच साबित करने के लिए उन्होंने आम आदमी के लिए टाटा नैनो बनाई. सबसे सस्ती कार बनाने वाली टाटा कंपनी जगुआर लैंड रोवर जैसी महंगी कार भी बनाती है. विदेशों में जमाई धाक रतन टाटा ने कई बार इंडिया का झंडा विदेशों में बुलंद किया है. उन्होंने 2000 में ब्रितानवी ब्रांड टेटली का 45 करोड़ डॉलर में टेकओवर किया. रतन टाटा ने टाटा स्टील ने 2007 में ब्राजील की सीएसएन को शिकस्त देते हुए कोरस का 6.2 अरब पौंड का टेकओवर किया. इसके अलावा टाटा मोटर्स ने 2.3 अरब डॉलर में जगुआर लैंड रोवर को टेकओवर किया. आईटी सेक्टर में भी दिखाया दम

रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा ग्रुप ने 90 के दशक में आईटी सेक्टर में कदम रखा. इस सेक्टर में भी रतन टाटा ने अपना जलवा बरकरार रखा. आज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) इंडिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. टाटा ने समूह के साथ अपने लंबे सफर को सीखने वाला सफर बताया. कौन है सायरस मिस्त्री?रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की कमान पिछले साल ही सायरस मिस्त्री को सौंप दी थी. 4 जुलाई 1968 को पैदा हुए सायरस मिस्त्री रियल स्टेट सेक्टर की बड़ी कंपनियों में शुमार शापोर्जी पल्लोंजी ग्रुप के चेयरमैन पल्लोंजी मिस्त्री के बेटे हैं. सायरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के चेयरमैन चुने जाने से पहले और कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल रह चुके हैं. वे अपने पिता की रियल इस्टेट कंपनी शापोर्जी पललोंजी, फोर्ब्स गोकाक, एफकांस इनफ्रास्ट्रक्चर और यूनाइटेड मोटर्स के बोर्ड ऑफ मेम्बर में शामिल थे.

Posted By: Garima Shukla