सौ यात्रियों को बचाने वाला ऐसे समा गया लहरों में
बल्लियां काटकर बनाया कामचलाऊ पुलपोसी चीन बार्डर पर पडऩे वाला रुद्रप्रयाग जिले का अंतिम गांव है. कुछ यात्रियों ने ग्रामीणों की अगुवाई में सोनगांव व गणेशचट्टी की डगर पकड़ी. लेकिन, सोन प्रयाग का पुल बह चुका था, सो पोसी जाना ही ज्यादा माकूल समझा गया. पोसी जाने के लिए एक अस्थायी पुल था, जो बाढ़ की भेंट चढ़ गया. ऐसे में गांव के कुछ नौजवानों ने बल्लियां काटकर कामचलाऊ पुल बनाया और उससे यात्रियों का पार कराने लगे.थकान से गिरा उफनती लहरों में
इन्हीं में 22 वर्षीय युवक बुद्धि भट्ट भी शामिल था. उसने खुद की जान जोखिम में डाल बल्लियों के ऊपर से यही कोई सौ-सवा सौ यात्रियों को पार कराया होगा. इस क्रम वह थक कर चूर हो गया पर उसने अपने हौसले को नहीं टूटने दिया और आखिरी यात्री को उस पार कराकर ही दम लिया. पर नियति को कुछ और मंजूर था. जैसे ही आखिरी यात्री पार हुआ, अचानक बुद्धि का पैर फिसला और सोन गंगा की उफनती लहरों ने उसे लील लिया.