- चीन के प्रोडक्ट का बहिष्कार कर रहे लोग, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Meerut । लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना के झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की खबर के बाद समूचे देश में गुस्सा है। इस बाद देशभर में चीन के आर्थिक बहिष्कार की मांग उठने लगी है। ऐसे में शहर में भी चीन के विरोध में आवाज उठ रही है। साथ ही चाइना के प्रोडक्ट का बहिष्कार भी शुरू हो गया है।

चीन के खिलाफ फूटा गुस्सा

20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद लोगों को चीन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। किसी के चीन के सामानों की होली जलाई तो कोई सोशल मीडिया पर चीन के विरोध में मुहिम चला रहा है।

डिलीट कर रहे चाइनीज ऐप

सोशल मीडिया पर चीन के विरोध के बाद शहरभर में भी बॉयकाट चाइना मुहिम शुरू हो गई है। बीते दो दिनों में चाइना के फेमस ऐप टिकटॉक, पबजी, शेयर इट, कैमरा स्केनर, फोटोशूट ऐप आदि को युवाओं ने डिलीट करना शुरू कर दिया है।

हमने किया बहिष्कार

मैने सभी ऐप डिलीट कर दिए है। चाइना के प्रोडक्ट का भी बहिष्कार किया है। यही नहीं मैं खुद अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में जागरूक कर रही हूं। क्योंकि अब चीन को सबक सिखाना जरूरी है।

डॉ। पूनम गर्ग, रीजनल ऑफिसर, राजर्षि टंडन

हमने सभी को चाइनीज ऐप डिलीट करने के लिए जागरुक किया है। टिकटॉक ऐप को डिलीट करा दिया है। साथ ही चाइनीज प्रोडक्ट का भी विरोध करना शुरू कर दिया है।

रीना सिंघल

मैं किसी भी चाइनीज ऐप को यूज नहीं करती हूं। मैंने अपने आसपास के लोगों से चाइनीज ऐप डिलीज कराए हैं। इसके साथ ही चीन का सामान न खरीदने का प्रण लिया है।

सतनाम कौर

मैने अपने मोबाइल में ऐप डिलीट किए हैं। सभी को जागरूक मैसेज दिया है। मेरे साथियों ने भी ऐप का बहिष्कार किया है। हमें सभी चाइनीज ऐप डिलीट कर दिए हैं।

कल्पना पांडे, सारथी सोशल वेलफेयर

मेरे मोबाइल में कोई चीनी ऐप नहीं है, फोन भी चाइना का नहीं है.जो ऐसे कठिन समय में चीनी सामान का प्रयोग करेगा, इसका मतलब उसकी भावना भारतीय नहीं है। मैं अपनी कविता के माध्यम से सभी को जागरुक कर रहा हूं।

डॉ। मनोज सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएन कॉलेज

मैनें तो अपने सारे चाइनीज ऐप डिलीट कर दिए है, अपने बच्चों को परिवार के सदस्यों को कहकर चाइनीज ऐप हटवा दिए हैं। मैं तो जो भी मिल रहा है उसको और जो फोन करता हूं। सभी को चाइनीज ऐप डिलीट करा रहा हूं

दिनेश मित्तल

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पीएम को लिखा पत्र

सेव इंडिया जन फाउंडेशन ने भी चीनी सामान के बहिष्कार की आवाज उठाई। साथ ही पीएम मोदी की चिट्ठी लिखकर ईट का जवाब पत्थर से देने की मांग की गई। सेव इंडिया जन फाउंडेशन की ओर से मोदीपुरम स्थित अंसल टाउन कॉलोनी के गेट पर चीन के सामान की होली जलाई। इस दौरान बीएस मीणा, राकेश कुशवाहा, अनिल बालियान, विक्की बालियान, आशोक मोतला आदि मौजूद रहे।

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चीनी प्रोडक्ट की होली जलाई

फोटो जय भारत मंच

जय भारत मंच की ओर से चाइना के सामान का विरोध किया गया। चीनी सामान की होली जलाई गई। इस मौके पर मंजू चौधरी, सविता, सुनिता, कृष्णा, मंजू अग्रवाल, वंदना आदि मौजूद रहीं।

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शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

मेरठ। श्री विल्वेश्वरनाथ मंदिर संस्कृत महाविद्यालय की ओर से प्रिंसिपल डॉ। दिनेशदत्त शर्मा के नेतृत्व में सभी स्टूडेंट ने अपने मोबाइल से चाइना के ऐप डिलीट कर विरोध जताया। इसके साथ ही दूसरों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से इसके प्रति जागरुक किया। सभी ने अपने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। डॉ। दिनेशदत्त शर्मा ने कहा कि हमें चीन का आर्थिक बहिष्कार करना होगा।

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चाइना के खिलाफ भड़का गुस्सा

फोटो सदर

मेरठ। वार्ड छह की तरफ से सदर चौक बाजार पर दीप जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सभी ने चाइनीज प्रोडक्ट की होली जलाई। साथ ही लोगों को चाइनीज प्रोडक्ट न खरीदने के लिए जागरूक किया। इस मौके पर सतीश भाटिया, अंकित सिंघल, नितिन कंसल, राजीव शर्मा, मोनिका जैन,अमित आदि मौजूद रहे।

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'ये नए दौर का भारत है चीन को जरूर सबक मिलेगा'

- भारत की ओर से बॉर्डर पर सड़क निर्माण को लेकर बौखलाया चीन

- एक्सपर्ट बोले, वैश्विक स्तर पर चीन का हो रहा है विरोध

मेरठ। बीते दिनों चीन और भारतीय सैनिकों की झड़प ने सामरिक मुद्दों की अब नई परिभाषा लिखनी शुरू कर दी है। भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन को अब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। चूंकि अब चीन का देशभर में आर्थिक स्तर पर भी विरोध शुरू हो गया है। वहीं वैश्विक मंच पर भी चीन को घेरने की तैयारी चल रही है। कोरोना को लेकर वैश्विक स्तर पर चाइना पर दबाव है। लिहाजा ध्यान भटकाने के लिए चीन ऐसे दुस्साहस कर रहा है। यह बात विदेशी मामलों के जानकार और मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रो। डॉ। संजय कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने भी चीन को करारा जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि भारत बॉर्डर पर सड़क निर्माण कर रहा है ताकि सेना को मजबूती मिल सके। यह चाइना को बर्दाश्त नहीं है। इसलिए चीन के सैनिक ऐसा दुस्साहस कर रहे हैं।

चीन को भुगतना होगा परिणाम

एक्सपर्ट के मुताबिक अबकी बार चाइना सीधे वार नहीं करेगा। चीन समझ चुका है। भारतीय सेना अब कमजोर नहीं है। अगर जंग हुई तो इसके गंभीर परिणाम चीन को भुगतने होंगे।

भारत-चीन के आर्थिक संबंध

मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रो। डॉ। संजय कुमार के अनुसार कोरोना संकट ने दुनिया की अर्थ व्यवस्था को प्रभावित करने के साथ साथ भारत चीन आर्थिक संबंधों पर भी प्रभाव डाला है। भारत अपने कुल आयातित माल का 18फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक घटक का 67 फीसदी एवं उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का 45फीसदी चीन से आयात करता हैं। वही भारत चीन को जेम्स एंड च्वेलरी 36फीसदी, मिनरल्स एंड ओर्स 15 फीसदी, और आर्गेनिक केमिकल्स 11 प्रतिशत एक्सपोर्ट करता है। भारत जब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे समय में इस कोरोना वायरस का केवल सतही प्रभाव नहीं पड़ेगा तथा ऐसे कठिन समय में समस्या का समाधान मात्र 'एयर लिफ्टिंग' से संभव नहीं है। यह समस्या न केवल आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करेगी, अपितु यह भारत के फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। निर्यात, जिसे अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन माना जाता है, इसमें वैश्रि्वक मंदी की स्थिति में और गिरावट देखी जा सकती है, साथ ही निवेश में भी गिरावट आ सकती है। वहीं मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग के एचओडी डॉ। हेमंत पांडे के अनुसार भारतीय कंपनियां चीन आधारित 'वैश्रि्वक आपूर्ति श्रृंखला' में शामिल प्रमुख भागीदार नहीं हैं, अत: भारतीय कंपनियां इससे अधिक प्रभावित नहीं होंगी.दूसरा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है, जो कि वृहद् अर्थव्यवस्था और उच्च मुद्रास्फीति के चलते अच्छी खबर है।

सरकार को चीन पर निर्भर भारतीय उद्योगों को आवश्यक सहायता प्रदान करनी चाहिए। साथ वैश्विक स्तर पर भी चीन पर कूटनीतिक दबाव की पहल करनी चाहिए। चीन की समा्रज्यवादी नीतियों का विरोध करना चाहिए।

डॉ संजय कुमार,एसोसिएट प्रोफेसर,रक्षा अध्ययन विभाग, मेरठ कॉलेज, मेरठ

बॉर्डर पर बन रही सड़क को लेकर चीन का विरोध है। पहले जिस रास्ते से हम जाते थे उसमें नौ घंटा लगता था अब उसमें आधा एक घंटा लगेगा। इससे युद्ध क्षेत्र में सेना को मजबूती मिलेगी। अब चीन को लगने लगा है भारत मजबूत हो रहा है तो इसका विरोध करना शुरु कर दिया है।

डॉ। हेमंत पांडे, रक्षा अध्ययन विभाग एचओडी मेरठ कॉलेज

कोरोना वायरस को लेकर चीन पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है। अब चीन दुनिया का ध्यान हटाने के लिए इस तरह की हरकत कर रहा है। अब चीन को पता है कि भारत मजबूत है। युद्ध के परिणाम भयंकर होंगे।

प्रो। हरवीर सिंह, रक्षा विज्ञान विशेषज्ञ ओल्ड एचओडी मेरठ कॉलेज

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Posted By: Inextlive