- हजरतगंज स्थित डालीबाग रैन बसेरे में नशे में धुत पूर्व विधायक के बेटे ने मचाया कोहराम

- तूफानी रफ्तार से दौड़ रही थी कार, 9 लोगों को रौंदने के बाद दीवार से टकराकर पलटी

- लोगों ने दबोचकर किया पुलिस के हवाले, आवभगत में जुटी रही पुलिस

LUCKNOW : शनिवार आधी रात पूर्व विधायक स्व। अशोक रावत के बेटे आयुष के सिर पर शराब के नशे का सुरूर इस कदर सवार हुआ कि उसने दोस्त की कार को बेतरतीब ढंग से दौड़ाना शुरू कर दिया। मौत की यह रफ्तार जब थमी तब तक पांच लोग अपनी जान गवां चुके थे। हैरानी की बात यह है कि कार चला रहे आयुष के पास लर्निंग लाइसेंस मिला, जिसकी मियाद खत्म हुए अरसा बीत चुका है। हजरतगंज स्थित डालीबाग बहुखंडीय मंत्री आवास के सामने रैन बसेरे में हुए इस दिल दहला देने वाले हादसे में चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। लोगों ने मदद की आस में पुलिस को सूचना दी। पर, मौके पर पहुंची पुलिस ने मदद के मरहम के जगह सकुशल बचे लोगों से बदसलूकी शुरू कर दी। आरोप है कि विरोध पर उन्हें लाठियों से पीटा भी गया। अब अधिकारी मृतक व घायल आश्रितों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की बात कह रहे हैं, लेकिन वहां मौजूद जीवित बचे लोगों के जहन में हादसे व उसके फौरन बाद पुलिस ने जो घाव दिया वह कैसे दूर होगा, इसका किसी के पास जवाब नहीं है।

दोस्त से मिलकर लौट रहे थे

मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व सपा विधायक स्व। अशोक कुमार रावत का बेटा आयुष रावत अपने दोस्त निखिल के साथ उसी की कार आई-20 से वजीर हसन रोड में रहने वाले दोस्त कुणाल से मिलने गया था। रात करीब 1.30 बजे वे दोनों शराब के नशे में धुत होकर लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उस वक्त उनकी कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी। सिर पर शराब के नशे का सुरूर और बेतरतीब रफ्तार के चलते तिलक मार्ग में मोड़ते ही उनकी कार अनियंत्रित हो गई और बहुखंडीय मंत्री आवास के सामने गरीबों के लिये बनाए गए रैन बसेरे में जा घुसी।

मच गया कोहराम

रैन बसेरे में उस वक्त 60 से ज्यादा लोग सो रहे थे। कार नौ लोगों को रौंदते हुए बटलर पैसेस कॉलोनी की बाउंड्री वॉल से टकराकर पलट गई। हादसा इतना भयावह था कि नींद के आगोश में डूबे चार मजदूरों बहराइच के चंदनपुर का निवासी पृथ्वीराज, मटिहा निवासी अब्दुल कलाम, देशराज और गोकरन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि, बुधई, हसन, गुलाम हुसैन, अख्तर और एक अज्ञात गंभीर रूप से घायल हो गए। सर्द रात का सन्नाटा देखते ही देखते कुछ ही पलों में घायलों की चीख-पुकार से कोहराम में तब्दील हो गया।

मदद की जगह बदसलूकी

घटना के वक्त रैन बसेरे में सो रहे रमजान अली ने बताया कि उन लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर हादसे की सूचना दी। जानकारी मिलने पर इंस्पेक्टर हजरतगंज डीके उपाध्याय हमराह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। लोगों ने कार सवार आयुष और निखिल को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। लेकिन, इंस्पेक्टर उपाध्याय ने घायलों को फौरन हॉस्पिटल भेजने की बजाय सकुशल बचे लोगों से बदसलूकी शुरू कर दी। उनकी इस हरकत से उन लोगों में गुस्सा भड़क उठा तो उनके संग मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें लाठियां मारकर वहां से खदेड़ दिया।

एंबुलेंस के इंतजार में तड़पते रहे घायल

इसके बाद पुलिस ने घायलों को अपनी गाडि़यों से हॉस्पिटल भेजने के बजाय 108 एंबुलेंस को कॉल किया। करीब 25 मिनट बाद दो एंबुलेंस मौके पर पहुंची, तब तक घायल वहीं पड़े तड़पते रहे। आखिरकार एंबुलेंस के जरिए घायलों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया। जहां अज्ञात शख्स ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

मुआवजे के लिये प्रदर्शन

हादसे की जानकारी मिलने पर डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी, एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी ईस्ट शिवराम यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सकुशल बचे लोगों से बातचीत कर हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। हालांकि, अधिकारियों के जाने के बाद एक बार फिर पुलिसकर्मियों ने लोगों को वहां से हटाना शुरू कर दिया। इसी बीच वहां पहुंचे सपा नेता चौधरी राकेश सिंह ने मृतकों व घायलों के परिजनों को मुआवजा देने और डीएम को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया। पुलिस ने हादसे का शिकार हुई कार को कब्जे में ले लिया है।

बिना परमीशन बना दिया रैनबसेरा

डालीबाग स्थित रोड से सटे चर्चित संस्था 'उम्मीद' के जिस रैन बसेरे में कोहराम मचा और पांच लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, उसके लिये जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। डीएम सत्येंद्र सिंह यादव ने बताया कि यह रैन बसेरा सुरक्षा के मानकों को दरकिनार कर बिलकुल रोड से सटाकर बनाया गया था। इस मामले में जितना एक्सीडेंट करने वाला दोषी है उतना ही यह रैन बसेरा बनाने वाली संस्था भी दोषी है। डीएम ने बताया कि इसी को देखते हुए लखनऊ पुलिस को 'उम्मीद' संस्था के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये गए हैं।

मृतक के भाई ने दर्ज कराई एफआईआर

पुलिस ने मृतक पृथ्वीराज के भाई बाबूलाल की तहरीर पर आयुष व निखिल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस के मुताबिक, आयुष लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीबीए थर्ड इयर का छात्र है। जबकि, निखिल हैदराबाद स्थित एक इंस्टीट्यूट से होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है।

पांच घंटे बाद कराया मेडिकल

जब रिपोर्टर ने हजरतगंज कोतवाली की हवालात में बंद आयुष से बात की तो उसने बताया कि उन दोनों का मेडिकल सुबह 6.30 बजे कराया गया। सवाल उठता है कि जब हादसा रात 1.30 बजे हुआ तो पुलिस ने उनका मेडिकल करवाने में पांच घंटे बर्बाद क्यों किये? हालांकि, पुलिस द्वारा टाइम बर्बाद करने के बावजूद उनके मेडिकल में शराब पीने की पुष्टि हो ही गई।

'हमरी तो जिंदगी ही खतम होई गई'

'शादी के बाद शहर न जईबा, गांव मा कोई छोटी मोटी दुकान खोलब या हियैं मजदूरी करके गुजारा करब, अभी शादी की तैयारी करन खातिर शहर कमाये जाइत है.' यह वाक्य मजदूरी के लिये लखनऊ आने से पहले हादसे में मारे गए गोकरन ने अपने भाई राम सिंह से कहे थे। उसकी इसी बात को याद कर वह बुरी तरह बिलख रहा था। उसने कहा कि उसे क्या पता था कि रोजी रोटी की तलाश में शहर आया गोकरन कभी वापस नहीं आयेगा, नहीं तो वह उसे कभी भी आने न देता। गोकरन की मार्च में होली के बाद शादी थी। इसी के इंतजाम के लिये वह रुपये कमाने एक महीने पहले राजधानी आ गया था। रामसिंह ने बताया कि शादी में रुपये की कमी न हो इसलिए आठ दिन पहले वह भी भाई का हाथ बंटाने आ गया था। आंखों से छलकते आंसुओं को पोछते हुए रामसिंह ने कहा कि 'छोटके की शादी बड़ी धूम धाम से करेक चाहत रहे मगर हमरी तो जिंदगी ही खतम होई गई। हमरे आंखन के सामने ही गोकरन के ऊपर गाड़ी पलटी और हम कुछ भी न कर सकेन'

सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने घायलों को हॉस्पिटल भेजने की जगह हम लोगों को धकियाना शुरू कर दिया। जब हम लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने सभी को लाठियां मारकर खदेड़ दिया।

- रमजान अली

प्रत्यक्षदर्शी

पहले तो पुलिसकर्मियों ने हमले लाठियां मारकर खदेड़ दिया। लेकिन, जब एंबुलेंस वहां पहुंची तो हम ही लोगों से घायलों को उठवाया गया। लाशें भी हम लोगों से ही पुलिस ने उठवाई।

- होली प्रसाद

प्रत्यक्षदर्शी

मृतकों व घायलों के आश्रितों को मुआवजे के लिये जिला जज के माध्यम से केंद्र सरकार की मोटर व्हीकल एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल को पत्र भेजा गया है। साथ ही, प्रदेश सरकार की विक्टिम कंपनसेशन कमेटी को भी मुआवजा देने के लिये पत्र लिखा गया है। घायलों का अच्छे से अच्छा इलाज कराने के लिये मातहतों को निर्देश दिये हैं।

प्रवीण कुमार त्रिपाठी

डीआईजी, लखनऊ रेंज

Posted By: Inextlive