शिव जी की अराधाना और उनकी परिक्रमा सावन के महीने में ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण मानी जाती है। शायद इसीलिए सावन में देश भर के शिवालयों में शिव भक्‍तों की भारी भीड़ होती है लेकिन मध्‍यप्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग खुद परिक्रमा करता हैं। जी हां वह हर साल घूम जाता है। आइए जानें इस अनोखे शिवलिंग के बारे में..

1100 साल पुराना:
मध्यप्रदेश का गोविंदेश्वर महादेव मंदिर काफी चर्चा में हैं। यहां पर जो शिवलिंग है वह दुनिया के दूसरे शिवलिंग से काफी अलग है। करीब 1100 साल पुराना यह प्रतिष्ठित शिवलिंग साल भर में अपनी दिशा बदल देता है।

मनोकामना पूर्ण होती:
लोगों का मानना है कि इस रहस्यमयी शिवलिंग के सामने हाथ जोड़कर मन्नत मांगने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। गोविंदेश्वर महादेव मंदिर का यह शिवलिंग करीब 300 साल पहले सोलापुर से लाया गया था।


आधी परिक्रमा होती:

बता दें कि शिवजी की आधी परिक्रमा ही की जाती है। उनके सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है, जो उनके इस सोमसूत्र को लांघता है उसकी परिक्रमा व्यर्थ होती है। ऐसे में इस आधी परिक्रमा को चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra