- ड्राइवर रखते समय स्कूल को ध्यान रखना होगा कि डीएल ना हो पांच साल पुराना

- चेकिंग में स्कूल बस चलाते मिले नौसिखिए तो होगी कार्रवाई

GORAKHPUR: नौसिखिओं से गाड़ी चलवाने वाले स्कूल्स पर अब आरटीओ नकेल कसेगा। स्कूली वाहन चलाने वाले ड्राइवरों के पास पांच साल पुराना लाइसेंस होना अनिवार्य है। अगर कोई नौसिखिया ड्राइवर स्कूली वाहन चलाता मिला तो सबसे पहले उसका लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा। साथ ही जिस वाहन को वह चला रहा है, उसकी स्कूली परमिट भी कैंसिल कर दी जाएगी। स्कूली वाहनों में मासूमों के सफर को सुरक्षित बनाने के तहत परिवहन विभाग ऐसे ड्राइवरों पर शिंकजा कसने की तैयारी कर रहा है। स्कूली वाहनों के बढ़ते एक्सीडेंट को देखते हुए परिवहन विभाग ने यह कदम उठाया है।

नए ड्राइवर करते गलती, खतरे में पड़ते मासूम

परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो अधिकतर स्कूली वाहनों के एक्सीडेंट में ड्राइवरों की गलतियां सामने आई हैं। साथ ही चेकिंग के दौरान यह भी देखने को मिला है कि कई स्कूली वाहन नए ड्राइवर ही चला रहे हैं। इनके पास पांच साल पुराना लाइसेंस नहीं है जबकि स्कूली वाहनों के स्टेयरिंग को नौसिखिए ड्राइवर से दूर रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद ये मान नहीं रहे हैं। चेकिंग के दौरान ऐसे ड्राइवरों के लाइसेंस चालान कर छोड़ दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

अब वाहन पर होगी लाइसेंस की डिटेल

सबसे पहले तो स्कूली वाहन चालक को अपने ड्राइविंग की जानकारी देनी होगी। उसे यह जानकारी ड्राइविंग सीट के बगल बने गेट पर लिखनी होगी। उसमें लाइसेंस नंबर के साथ ही यह मेंशन करना होगा कि उसका लाइसेंस कब बना है। साथ ही चेकिंग के दौरान यदि ड्राइवर के पास पांच साल पुराना लाइसेंस नहीं मिलता है तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। साथ ही वाहन मालिक को नौसिखिया ड्राइवर रखने के लिए उसका स्कूल परिमट निरस्त कर दिया जाएगा। सभी स्कूली वाहन ड्राइवरों के लाइसेंस की चेकिंग 26 जनवरी के बाद शुरू हो जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग में मीटिंग हो चुकी है और इसके निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।

नए लड़के चला रहे वैन

गोरखपुर की सड़कों पर आप देख सकते हैं कि नई उम्र के लड़के स्कूल वैन चलाते दिख जाएंगे। जबकि ये गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस बात का ध्यान स्कूल को भी रखना चाहिए।

बॉक्स

कुशीनगर में हुआ था हादसा

कुशीनगर में एक स्कूली वैन की टक्कर ट्रेन से हो गई थी। जिसमें कई बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बाद में जांच में पता चला कि वैन ड्राइवर ने अभी नया-नया गाड़ी चलाना शुरू किया था। उसने वैन चलाते समय कान में ईयरफोन लगाया हुआ था जिसके कारण उसे ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी थी।

फैक्ट फिगर

सिटी में सीबीएसई स्कूल - 102

सिटी में सीआईएससीई स्कूल - 20

स्कूल वाहन - करीब 500

ओल्ड अनफिट वाहन - 90 हजार

स्कूली ऑटो - करीब 450

वर्जन

इधर अभियान चलाकर स्कूली वाहनों की चेकिंग की जाएगी। इसमें अगर कोई नौसिखिया ड्राइवर मिलेगा तो उसके साथ ही स्कूल का भी परमिट कैंसिल किया जाएगा।

डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive