10 हजार से भी कम यात्रियों ने बीते दिनों में किया सफर

25 से 30 फीसदी तक सिमटी कमाई, मेरठ रीजन के पांच डिपो में

40 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है रोडवेज को

90 लाख से 1 करोड़ रुपए तक आय होती है प्रतिदिन रोडवेज को

10 से 12 लाख तक सीमित रही शुक्रवार को रोडवेज की कमाई

8 से 10 लाख तक ही हो सकी शनिवार को रोडवेज को कमाई

Meerut। बीते शुक्रवार को शहर में बवाल के बाद जिले की परिवहन सेवा भले ही बाधित ना हुई हो, लेकिन इसका असर परिवहन सेवा पर देखने को मिला। मेरठ रीजन के पांचों डिपो पर बवाल के चलते यात्रियों की संख्या 25 से 30 प्रतिशत तक सिमट गई। भैंसाली और सोहराबगेट बस डिपो पर यात्रियों की आवाजाही ना के बराबर रही, जिसके चलते रोडवेज को करीब 40 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है।

कम रही यात्रियों की संख्या

मेरठ रीजन के पांचों डिपो में सबसे अधिक भैंसाली डिपो पर करीब 10 हजार के करीब प्रति दिन यात्रियों की आवाजाही रहती है वहीं सोहराबगेट पर पांच हजार के आसपास यात्रियों का आवागमन होता है। जबकि गढ़, मवाना डिपो और मेरठ डिपो पर भी 10 हजार के आसपास यात्रियों की संख्या रहती है, लेकिन शुक्रवार को मेरठ में हुए बवाल के कारण यात्रियों की संख्या ना के बराबर रही जबकि शनिवार को भी यात्रियों की संख्या काफी कम रही। रविवार को अवकाश होने के कारण भी यात्रियों की संख्या कम रही ऐसे में इन तीन दिन में यात्रियों की संख्या 10 हजार भी पार नही हो सकी।

40 लाख करीब का नुकसान

आमतौर पर रीजन में प्रतिदिन 90 लाख से 1 करोड़ रुपए तक आय होती है, लेकिन अधिकतर रूट पर खाली बसों का संचालन किया गया। दर्जनों बसें डिपो में खाली ही खड़ी रही यात्रियों की कमी के कारण उनका संचालन तक नही हो सका। ऐसे में शुक्रवार को रोडवेज की आय 10 से 12 लाख तक सीमित रही जबकि शनिवार को आय 8 से 10 लाख तक ही हो सकी।

बीते तीन दिनों में यात्रियों की संख्या काफी कम रही है। इसलिए रोडवेज की आय को काफी नुकसान हुआ है। कई बसें लंबे रूट से भी संचालित हुई थी उसका असर भी आय पर पड़ा है।

नीरज सक्सेना, आरएम

Posted By: Inextlive