पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों के बीच रूस ने सऊदी अरब के साथ एक परमाणु समझौते पर हस्‍ताक्षर कर लिए हैं। इस समझौते में दोनों देशों के परमाणु ईधन और रेडियोआइसोटोप जैसे मुद्दे शामिल हैं।


रूस-सऊदी अरब का परमाणु समझौतारूस और सऊदी अरब के बीच इतिहास में पहली बार न्यूक्लियर समझौता हो गया है। इस समझौते के तहत रूस और सऊदी अरब परमाणु रिएक्टरों के निमार्ण आदि में एक साथ काम करेंगे। दोनों देशों के बीच हुई इस डील पर सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदल अल जुबैर ने कहा कि सऊदी अरब पिछले काफी समय से वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों की तलाश में था। ऐसे में परमाणु क्षेत्र के अग्रणी देशों में गिने जाने वाले देश रूस के साथ हमारी सरकार ने करार किया है। दोनों देशों ने साथ मिलकर सऊदी अरब में एक परमाणु सयंत्र बनाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने हमेशा इस बात को प्रमुखता दी है कि मध्य पूर्व का क्षेत्र मास डिस्ट्रक्शन वेपंस से दूर रहे। वैकल्पिक ऊर्जा के रास्ते पर सऊदी अरब
सऊदी अरब में अब तक एक भी परमाणु ऊर्जा सयंत्र स्थापित नहीं किया गया है। लेकिन सऊदी अरब सरकार इस क्षेत्र में तेज गति से काम करते हुए सफलता हासिल करना चाहती है। रूस के साथ हुए समझौते के तहत परमाणु सयंत्रों का निर्माण, रेडियोएक्टिव वेस्ट का निस्तारण, रेडियोआइसोटोप का निमार्ण आदि शामिल है। इसके साथ ही उद्योग, चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में भी इस ऊर्जा को प्रयोग किए जाने पर सहमति बनी है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra