घोड़ी चढ़ने की रस्‍म में दूल्‍हे ही घोड़ी चढ़ते द‍िखाई देते हैं लेक‍िन हाल ही में राजस्थान के झुंझनू में खास मामला देखने को म‍िला हैं। यहां पर बीजेपी सांसद की ब्रि‍टेन से लौटी बेटी एक खास मकसद के ल‍िए घोड़ी चढ़ी। उसे देखने के ल‍िए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। आइए जानें क्‍या था उसके घोड़ी चढ़ने का मकसद...

जागरुक करने के लिए नया कदम उठाया
झुंझुनू से सांसद भारतीय जनता पार्टी की संतोष अहलावत की बेटी गार्गी इन दिनों काफी चर्चा में हैं। गार्गी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के  तहत लोगों को को आगे बढ़ने और जागरुक करने के के लिए एक नया कदम उठाया है। उन्होंने दूल्हे के घोड़े पर सवार होने वाले रिवाज को तोडऩे का प्रयास किया है। राजस्थान में आज भी बिंदौरी परंपरा के अनुसार दूल्हा साफा बांधकर घोड़े के रथ पर सवार होता है। इसके बाद वह दुल्हन के घर तक जाता है और उसके घरवालों और रिश्तेदारों को शादी में आने के लिए आमंत्रित करता है।
लड़की और लड़कों के बीच का भेद मिटेगा
ऐसे में ब्रिटेन से एमबीए कर चुकी गार्गी ने हाल ही में इस रिवाज को पलट दिया। उन्होंने मां संतोष के नेतृत्व में सिर पर साफा बांधा और घोड़े के रथ पर सवार हुई। इस रस्म को पूरा करने के लिए निकल पड़ी हैं। इस खास मौके पर उन्हें देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ रही। हर कोई गार्गी के इस कदम को देकर हैरान है। बिंदास होकर घूम रही गार्गी का कहना है कि उनके इस कदम से लड़की और लड़कों के बीच का भेद मिटेगा। लोगों के बीच यह संदेश भी जाएगा कि घोड़ी पर बैठने की रस्म केवल बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी अदा कर सकती है।

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Posted By: Shweta Mishra