गुजरात में रविवार को 'भारत माता की जय' से जुड़ा विवाद अब एक नए लेवल पर पहुंच गया। अहमदाबाद के एक स्‍कूल ने फरमान जारी किया कि जो इंट्री फॉर्म में 'भारत माता की जय' लिखेगा उसे ही स्‍कूल में एडमीशन दिया जाएगा।

लिखो भारत माता की जय
भारत माता की जय बोलने का मुद्दा अब राजनीतिक गलियारे से होता हुआ स्कूल कॉलेजों तक पहुंच गया है। गुजरात में एक स्थानीय भाजपा नेता और श्री पटेल विद्यार्थी आश्रम ट्रस्ट के प्रमुख दिलीप संघनी ने रविवार को एक नया सर्कुलर जारी कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया कि जिस बच्चे के नामांकन फार्म में भारत माता की जय नहीं लिखा होगा तो उस बच्चे के स्कूल में एडमिशन नहीं दिया जाएगा। ये ट्रस्ट एक प्राइमरी स्कूल, दो हाई स्कूल और अमरेली में एक कॉलेज चलाता है जहां करीब 4500 छात्र पढ़ते हैं।

दाखिले की अनोखी शर्त

संघनी ने अपने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि जब देश के शिक्षण संस्थानों में भारत विरोधी नारेबाजी जोर पकड़ रही है ऐसे में हम चाहते हैं कि हमारे छात्र देश की इज्जत करें। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि जो भी छात्र यहां दाखिला चाहते हैं उन्हें नामांकन फार्म पर भारत माता की जय लिखना होगा तभी उनका फार्म नामांकन के लिए उपयुक्त माना जाएगा और जिन फार्मों पर भारत माता की जय लिखा हुआ नहीं मिलेगा उन छात्रों को संस्थान में एडमिशन नहीं दिया जाएगा। अमरेली से कांग्रेस के विधायक परेश धनानी ने इस फैसले के बाद भाजपा पर समाज को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमें या किसी और को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए भारत माता की जय बोलने की जरूरत नहीं है।
जबरदस्ती नहीं बुलवा सकते भारत माता की जय: शिक्षा मंत्री
राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत माता की जय बोलना अच्छी बात है लेकिन किसी को भी भारत माता की जय बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता और ये किसी व्यक्ति और संस्था का निर्णय हो सकता है लेकिन किसी को इसे मानने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari