वो त्‍योहार जो काली अंधेरी आधी रात में भगवान श्री कृष्‍ण के जन्‍म के उपलक्ष्‍य में मनाया जाता है आखिरकार आ ही गया। त्‍योहार के बहाने ही सही लेकिन लोगों को मौका मिल जाता है कुछ लजीज बनाने और खाने का। तो चलिए हम भी क्‍यों चुप बैठें। आइए ट्राई करें कुछ ऐसी रेसेपीज़ के लिए जो आपके साथ-साथ आपके भगवान को भी भोग में लगेंगी काफी प्रिय...अब ऐसे में भगवान की सबसे पसंदीदा माखन-मिश्री को भला कैसे भूल सकते हैं।

1 . माखन मिश्री
सामग्री :
250 ग्राम फ्रेश क्रीम मलाई वाली
100 ग्राम मिश्री
विधि :
ताजा क्रीम को जार में डालें। अब जार पर ढक्कन कसकर पर बंद करें। अब उसको तब तक शेक करें जब तक उससे मक्खन न निकल आए। अब एक खाली बर्तन लें और छलनी से उसे छान लें। छनकर इससे मक्खन जब अलग हो जाए तो कुछ देर के लिए मक्खन को रेफ्रीजरेटर में रख दें। ठंडा होने के बाद उसमें मिश्री मिला दें और भगवान का भोग लगा दें।

3 . लौकी का हलवा
सामग्री :
लौकी 1 छोटी (300 ग्राम की)
चीनी 100 ग्राम
दूध 1 गिलास (300 ml)­
खोया या मावा 50 ग्राम
घी 2 बड़े चम्मच
2 छोटी इलाइची का पाउडर
2 चम्मच कटी हुई मेवा (काजू, बादाम, चिरौंजी)
 
विधि
लौकी को छील कर कद्दूकस कर ले। एक कढाई में घी डालकर गरम करे, लौकी डालकर उसे भुने और दूध डालकर सूखने तक पकाएं, चीनी और मावा डालकर 8-10 मिनट तक और भुनें। इलायची पाउडर और कटे हुए मेवे डालकर गैस बंद कर दें। गर्मा गरम लौकी का हलवा परोसें और भगवान को भोग लगाकर खाएं।

5 . खसखस का हलवा
सामग्री :
100 ग्राम खसखस
100 ग्राम चीनी
1 कप दूध
1/2 कप घी
1/4 छोटा चम्मच छोटी इलाइची पाउडर
1 बड़ा चम्मच बादाम कटे हुए
1 बड़ा चम्मच काजू कटे हुए
विधि :  
खसखस को साफ करके, पानी में रातभर के लिए भिगो दीजिए। भीगे हुए खसखस से अतिरिक्त पानी निकाल दीजिए। खसखस को मिक्सर से बारीक पीस लीजिए। पीसते समय जितना पानी डालना पड़े उतना डाल दीजिए। कढ़ाई में घी डाल कर पिसा हुआ खसखस डालिए और लगातार चलाते हुए खसखस को सुनहरा होने तक धीमी आंच पर भून लीजिए। अब दूध और चीनी डालकर चीनी घुलने तक पका लीजिए। लगातार चलाते हुए गाढ़ा होने तक पका लीजिए। जब हलवा कढाई छोड़ने लगे तो हलवे में इलाइची पाउडर, बादाम और काजू डालकर मिला दीजिए। गैस से उतार कर गरम या ठंडा जैसा चाहे परोसिए।

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Posted By: Ruchi D Sharma