कर्नाटक के एक स्कूल में शुरु हुआ हिजाब विवाद बड़ा होता जा रहा है। मामला कोर्ट में है मगर इसको लेकर बाॅलीवुड हस्तियां अपने-अपने विचार रख रही हैं। कंगना ने जहां हिजाब को पिंजरे से जोड़ा हीं शबाना ने कंगना से दो सवाल पूछ डाले।

नई दिल्ली (एएनआई)। पूर्व राज्यसभा सांसद और दिग्गज स्टार शबाना आजमी ने भारत में चल रहे हिजाब विवाद पर अपने विवादास्पद बयानों के लिए अभिनेत्री कंगना रनोट को फटकार लगाई है। गुरुवार की रात को अपने इंस्टाग्राम पर, कंगना ने चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। 'क्वीन' एक्ट्रेस ने लेखक आनंद रंगनाथन की एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "साहस दिखाना है तो अफगानिस्तान में बुर्का न पहनकर दिखाओ। आजाद होना सीखो, खुद को पिंजरे में मत रखो।"

शबाना ने कंगना से पूछे सवाल
कंगना के इस पोस्ट पर शबाना काफी नाराज हुईं। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कंगना की पोस्ट को साझा करते हुए, शबाना ने सवाल किया, "अगर मैं गलत हूं तो मुझे सुधारो लेकिन अफगानिस्तान एक धार्मिक राज्य है और जब मैंने आखिरी बार जाँच की थी कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य था?"

Correct me if Im wrong but Afghanistan is a theocratic state and when I last checked India was a secular democratic republic ?!! pic.twitter.com/0bVUxK9Uq7

— Azmi Shabana (@AzmiShabana) February 11, 2022

जावेद अख्तर ने बुर्का का किया विरोध
बुधवार को, शबाना के पति, अनुभवी गीतकार जावेद अख्तर ने भी भारत में हिजाब की निंदा की। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, "मैं कभी भी हिजाब या बुर्का के पक्ष में नहीं रहा। मैं अब भी उस पर कायम हूं, लेकिन साथ ही, मेरे पास गुंडों की इन भीड़ के लिए गहरी अवमानना ​​​​के अलावा कुछ भी नहीं है जो एक छोटे समूह को डराने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह उनका 'पुरुषत्व' का विचार है। बड़ा अफसोस है।"

हेमा मालिनी बोली- ड्रेस कोड का पालन हो
इससे पहले, अभिनेता से राजनेता बनी, हेमा मालिनी ने विवाद पर प्रतिक्रिया दी थी और एएनआई से कहा था, "स्कूल शिक्षा के लिए हैं और धार्मिक मामलों को वहां नहीं ले जाना चाहिए। हर स्कूल में एक ड्रेस कोड होता है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। आप स्कूल के बाहर जो चाहें पहन सकते हैं।"

कोर्ट में चल रहा मामला
कर्नाटक सरकार द्वारा 5 फरवरी को सभी स्कूलों और कॉलेजों में एक ड्रेस कोड अनिवार्य करने का आदेश जारी करने के बाद पूरा विवाद शुरू हो गया, जिसमें "समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने वाले" कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह मामला इसी सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय पहुंचा, लेकिन अदालत ने बुधवार को कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया जहां कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक कैंपस में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari