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- ज्योतिष व द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने नीलधारा में किया गंगा स्नान

- कांची कामकोटि गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने भी लगाई डुबकी

HARIDWAR: ज्योतिष एवं द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती व कांची कामकोटि गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बैसाखी पर्व पर मुख्य गंगा नदी नीलधारा में स्नान किया।

सबको मिलकर बनाएं गंगा को निर्मल

बुधवार की दोपहर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज व शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने अपने भक्तों के साथ नीलधारा में गंगा स्नान किया। इस मौके पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा को अविरल व निर्मल बनाने के लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे, सभी के प्रयास से ही गंगा को निर्मल व अविरल बनाया जा सकता है। कहा कि केंद्र सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल में गंगा को अविरल व निर्मल बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। यदि केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जाते तो दो साल में गंगा काफी हद तक निर्मल हो सकती थी। कांची कामकोटि गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा हम सभी की आस्था का प्रतीक है। गंगा मात्र नदी नहीं है, गंगा में स्नान करने से मनुष्य के जन्म-जन्म के पाप मिट जाते हैं, तभी तो हर पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान को हरिद्वार पहुंचते हैं। विदित हो कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने वर्ष ख्0क्0 के कुंभ में भी हरकी पैड़ी के बजाए नीलधारा में गंगा स्नान किया था। इस दौरान उनके साथ शंकराचार्य मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी रामानंद, श्रीधरानंद ब्रह्मचारी व अन्य संत मौजूद थे।

Posted By: Inextlive