तुर्की जलक्षेत्र में डूबे सीरियाई बच्चे की तस्वीरों ने पूरी दुनिया में एक बार फिर शरणार्थियों के संकट को उजागर कर दिया। हर कोई इस मासूम से बच्‍चे की मौत से स्तब्ध है। जिससे अब यूरोपीय नेता प्रवासियों के गहराते संकट से निपटने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। इस दौरान वह 28 सदस्यीय ब्लॉक में व्याप्त गहरे मतभेदों के बावजूद नए प्रस्ताव लेकर आगे आए हैं।


पुनर्वास में साझेदारी


तीन वर्षीय आयलान कुर्दी की पानी में डूबकर हुई मौत की तस्वीरों ने शरणार्थी संकट की भयावह झलक से पूरी दुनिया को झकझोर दिया। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से यह अब तक का सबसे भीषण शरणार्थी संकट सामने आया है। जिससे साफ है कि एक ओर एक ओर जहां इस स्थिति से निपटने को लेकर यूरोप में स्थितियां काफी गंभीर और वहां तनाव भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं फ्रांस और जर्मनी का कहना है कि वे इस बात पर पूरी तरह से सहमत हैं। वह पक्षधर है कि यूरोपीय संघ को सदस्य देशों द्वारा तय बाध्यकारी संख्या के तहत लोगों को प्रवेश देने के नियम लागू करने चाहिए। जून में यह मामला काफी तेजी से उठा था लेकिन इस दिशा में कोई विशेष समझौता हो नहीं पाया था। उनका कहना है कि इस बोझ को बांटने के लिए यूरोपीय संघ के भीतर बाध्यकारी हिस्सेदारी तय करना बेहद जरूरी है। वहीं इस दिशा में यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क का सदस्य देशों से कहना है कि कि वे कम से कम एक लाख शरणार्थियों के पुनर्वास में साझेदारी के लिए आगे आएं।दो नौकाएं डूबी थीं

बताते चलें कि आयलान के पिता अब्दुल्ला कुर्दी अपने बेटे आयलान और घालेब के अलावा पत्नी रिहाना के साथ नौका से जा रहे थे। इस दौरान उनकी नौका डूब गई। हालांकि उन्होंने उनको बचाने के लिए काफी देर तक हाथ पकड़े रखा लेकिन बचाने में असफल रहे। जिससे उन्होंने बेटे आयलान और घालेब के अलावा पत्नी रिहाना को भी खो दिया। कहा जा रहा है कि यूनानी द्वीप कॉस की ओर जा रही दो नौकाएं बुधवार को तुर्की जलक्षेत्र में डूब गई थीं। इस दौरान इस हादसे में करीब 12 सीरियाई प्रवासियों की मौत हो गई थी। इस हादसे को लेकर पूरी दुनिया ने दुख जताया। इस दौरान तट पर मृत पाए गए तीन साल की आयलान काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिससे प्रवासियों के हालात सारी दुनिया के सामने आ गए हैं।

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Posted By: Shweta Mishra