सिंगापुर में आठ दिसंबर को भड़की हिंसा के बाद 52 भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेजने के फ़ैसले का सिंगापुर की सरकार ने बचाव किया है.


बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत में सिंगापुर के प्रधानमंत्री दफ़्तर में मंत्री और साथ ही गृह और वाणिज्य मामलों के भी मंत्री एस ईस्वरन ने इन आरोपों का खंडन किया कि सरकार ने यह फ़ैसला जल्दबाज़ी में लिया.सिंगापुर के कुछ स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार लाखों की संख्या में सिंगापुर में काम कर रहे अप्रवासी मज़दूर बेहद ख़राब परिस्थितियों में रहते हैं और इस कारण वो सिंगापुर सरकार से नाराज़ थे और प्रतिक्रियास्वरूप यह घटना हुई.मगर एस ईस्वरन ने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसी शिकायतों से निपटने के पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं और सरकार किसी भी हिंसक कार्रवाई से सख़्ती से निपटेगी.दरअसल आठ दिसंबर को एक सड़क दुर्घटना में एक भारतीय की मौत के बाद भड़की हिंसा को सिंगापुर में पिछले 40 सालों की सबसे गंभीर घटना बताया गया था.


एस ईस्वरन ने कहा कि ट्रैफ़िक हादसे के बाद लोगों की भीड़ की हिंसक प्रतिक्रिया गैरक़ानूनी थी और घटना काफ़ी गंभीर थी.ईस्वरन ने बताया कि जांच के बाद 53 लोगों के गुट की पहचान की गई, जिन्हें पुलिस ने घटनास्थल से हटने को कहा था, लेकिन वे नहीं हटे.

ईस्वरन के अनुसार इन लोगों को कड़ी चेतावनी दी गई थी और प्रवासन कानून के तहत स्वदेश लौटने के आदेश दिए गए. इनमें से 52 लोग भारत के थे और एक बांग्लादेश से था.जांचएक तरफ़ जहां स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ता अप्रवासी मज़दूरों की ख़राब मानवीय स्थिति को हिंसा का कारण बता रहे हैं, वहीं एस ईस्वरन के मुताबिक़ "इस मामले में अटकलें लगाना मुश्किल है. हमने इस मामले में पुलिस जांच के अलावा एक कमेटी बिठाई जो इस मामले की पूरी जांच करेगी. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि क्या क़दम उठाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.''एक तरफ़ जहां सरकार कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है, क्या मज़ूदूरों को वापस उनके देश वापस भेजने की कार्रवाई जल्दबाज़ी में लिया गया क़दम नहीं है? एस ईस्वरन इस सवाल से बचते हुए प्रतीत हुए.उनका कहना था कि सिंगापुर में बहुत से अप्रवासी मजदूर काम करते हैं और सरकार उनके योगदान को समझती है.उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने इस तरह की हिंसक प्रतिक्रिया की है, वो एक छोटा समूह है. हम नहीं चाहेंगे कि यह समूह उन लोगों की छवि भी ख़राब करे, जो सालों से यहां रह रहे हैं."

ईस्वरन के अनुसार सिंगापुर में मौजूद भारतीय दूतावास को इस घटना और उससे संबंधित कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है और सिंगापुर के विदेश मंत्री भारत में अपने समकक्ष से संपर्क में हैं.

Posted By: Subhesh Sharma