कोरोना संक्रमण को लेकर फैली दहशत के बीच राजधानी के अमीनाबाद इलाके में स्थित तब्लीगी मरकज मस्जिद में छह विदेशी छिपे मिले हैं। पुलिस कमिश्नर व डीएम के नेतृत्व में पहुंची टीम ने सभी छह विदेशियों की मेडिकल जांच के बाद उन्हें उनके किराये के घर में क्वारंटाइन कर दिया है। इसके अलावा पुलिस को आईआईएम रोड की एक मस्जिद से सात और काकोरी के पलियां गांव स्थित मस्जिद से 10 बांग्लादेशी छिपे मिले हैं। सभी के पास वीजा है।

लखनऊ (ब्यूरो)अब तक की जांच में इन लोगों ने दिल्ली के जलसे में शामिल नहीं होने की बात कही है। हालांकि राजधानी के 18 लोगों के उस जलसे में शामिल होने की बात सामने आई है, जिनकी तलाश की जा रही है। वहीं, प्रदेश के 19 जिलों से कुल 157 लोगों के जलसे में शामिल होने की पुष्टि हुई है। डीजीपी मुख्यालय ने इन सभी की लिस्ट इन सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को भेजकर उनकी तलाश कर मेडिकल जांच कराने के निर्देश जारी किये हैं। इस लिस्ट में 19 ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनके जिलों का पता नहीं लग सका है।

टूरिस्ट वीजा पर आए थे

- अमीनाबाद के मरकज वाली मस्जिद में विदेशी नागरिकों के मौजूद होने की जानकारी मिलने पर पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय और डीएम अभिषेक प्रकाश पहुंचे।

- छानबीन में पता चला कि कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और किरगिस्तान के छह लोग मस्जिद में रुके हैं।

- पूछने पर उन लोगों ने बताया कि वह टूरिस्ट वीजा पर 13 मार्च को लखनऊ आए थे। इस दौरान उन लोगों ने किराए पर कमरा भी लिया था।

- हालांकि मस्जिद में ही ठहरे हैं। जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया।

- पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि मडि़यांव में रुकने वाले सात बांग्लादेशी 13 मार्च को राजधानी आए थे।

- इसके बाद से वह अलग-अलग मस्जिदों में ठहरे। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। सातों 24 मार्च को मडि़यांव पहुंचे थे, जिन्हें चार अप्रैल को दिल्ली वापस जाना था। सभी तब्लीगी जमात के हैं।

दिल्ली के जलसे में नहीं हुए थे शामिल

विदेशी नागरिकों का कहना है कि वह दिल्ली स्थित जलसे में शामिल नहीं हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने विदेशी नागरिकों को अपने कमरे में ठहरने के निर्देश दिए और मस्जिद को बंद करा दिया। उधर, काकोरी के पलिया गांव में 10 बांग्लादेशी मिले हैं, जो दो दिन पहले वहां पहुंचे थे। छानबीन में सामने आया है कि सभी 19 मार्च को लखनऊ आए थे, जिनके पास वीजा मिला है। इससे पहले वह सैदपुर गांव में रुके थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि सबसे पहले वह हुसैनाबाद मरकज वाली मस्जिद में ठहरे थे। सभी को पलिया गांव के बड़ी मस्जिद में क्वारंटाइन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका सैंपल जांच के लिए भेजा है।

प्रदेश के 19 जिलों के लोग जलसे में हुए थे शामिल, जांच होगी

दिल्ली में तब्लीगी जमात मरकज के जलसे में प्रदेश के 19 जिलों के 157 लोग शामिल हुए थे। डीजीपी मुख्यालय ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर समेत सभी 19 जिलों के पुलिस कप्तानों को इन लोगों की लिस्ट भेजते हुए इन सभी का पता लगाने और इनकी कोरोना संक्रमण की जांच कराने का आदेश दिया है। एसपी लॉ एंड ऑर्डर अजय शंकर राय द्वारा जारी एडवायजरी पर तुरंत कृत कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है।

किस जिले के कितने लोग हुए थे जलसे में शामिल

जिलासंख्या
लखनऊ18
आगरा2
गाजियाबाद6
बहराइच1
गोंडा2
बलरामपुर1
वाराणसी8
सहारनपुर8
प्रयागराज11
मुजफ्फरनगर28
बिजनौर12
बाराबंकी15
शामली3
सीतापुर6
हापुड़2
बागपत4
मथुरा2
मेरठ8
भदोही1
अज्ञात19
जलसे में शामिल होने वाले खुद सामने आएं

ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है कि तब्लीगी जमात का मकसद प्यार का पैगाम दुनियाभर में फैलाना है। उसी के चलते यह हमारे मुल्क में तशरीफ लाते हैं और मरकज निजामुद्दीन में रहते हैं। वहां पर जो घटना हुई है, वह बहुत ही ज्यादा अफसोसनाक है। इसकी जांच होनी चाहिये और उसके मुताबिक, ही जिम्मेदारियां तय होनी चाहिये। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि जो लोग भी मरकज के जलसे में शामिल हुए हैं, वह मुल्क के जिस भी हिस्से में गए हों, वहां के स्थानीय प्रशासन को अपनी जानकारी दें और अपना टेस्ट करायें।

खुद के साथ समाज को बचाने की अपील

वहीं, मजलिस ए हिंद के महासचिव व इमाम ए जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने दिल्ली में हुई जमात में शिरकत करने गए लोगों से खुद के साथ समाज को बचाने की अपील की है। कोरोना जैसी इस बीमारी से निजात दिलाने के लिये जो भी वहां गए हैं, उनको स्वेच्छा से आगे आना चाहिये और प्रशासन की ओर से कराई जा रही जांच में सहयोग करना चाहिये।

'दिल्ली में तब्लीगी मरकज में हुई घटना कानून का खुला उल्लंघन और लोगों की जान से खिलवाड़ है। जो लोग भी इसके जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये।'

- डॉ. दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम

Posted By: Lucknow Desk