पिछले हफ्ते स्नोडेन ने एक प्रैस वार्ता को संबोधित किया था.


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस और अमरीका के रिश्तों दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों की तक़रार से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.अमरीका की खुफ़िया जानकारियाँ लीक करने के अभियुक्त माने जा रहे एडवर्ड स्नोडेन के बारे में अपनी ताजा टिप्पणी में पुतिन ने कहा कि उन्हें अमरीका और रूस के रिश्तों को प्रभावित करने वाली गतिविधियाँ न करने की चेतावनी दे दी गई है.पिछले तीन हफ़्ते से शरम्येट्येवो एयरपोर्ट पर रह रहे स्नोडेन ने मंगलवार को रूस से अस्थायी शरण की मांग की. उनके पास इस समय यात्रा संबंधी दस्तावेज नहीं है इसलिए वे कहीं और शरण नहीं ले पा रहे हैं. कई दक्षिण अमरीकी देशों ने उन्हें शरण देने की पेशकश की है.बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "रूस एक स्वतंत्र देश है और हमारी स्वतंत्र विदेश नीति है."


लेकिन जब पुतिन से पूछा गया कि मानवाधिकार के कार्यों और अमरीका विरोधी कार्यों में क्या फर्क है तो उन्होंने कहा कि वे विस्तार में नहीं जाना चाहते. इससे पहले पुतिन के एक प्रवक्ता ने कहा था कि स्नोडेन को शरण दी जानी है या नहीं इस बारे में फैसला पुतिन को नहीं लेना है.प्रभाव

संवाददाताओं के मुताबिक पुतिन इस मामले की संवेदनशीलता और सितंबर में ओबामा की रूस यात्रा पर होने वाले इसके असर से पूरी तरह वाकिफ़ हैं.रूस की सत्ता से नजदीकियाँ रखने वाले अधिवक्ता एनाटोली कुशेरेना ने मंगलवार को कहा कि स्नोडेन फिलहाल रूस में ही रहना चाहते हैं. एनाटोली ने ही स्नोडेन की दस्तावेज जुटाने में मदद की है.एनाटोली के मुताबिक स्नोडेन ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें अमरीका में प्रताड़ना और मौत का डर है.इस बीच अमरीका ने एक बार फिर दोहाराया है कि स्नोडेन को अमरीका प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ़ मुक़दमा चलना चाहिए.व्हाइट हाउस प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा, "न ही वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, न ही विरोधी हैं. उन पर खुफ़िया जानकारियाँ लीक करने के आरोप हैं."रूसी प्रशासन ने कहा है कि अन्य शरणार्थियों को स्थान देने के लिए स्नोडेन को एयरपोर्ट के दूसरे हिस्से में जगह दी जा सकती है. उनकी याचिका को स्वीकार किए जाने में तीन माह तक का वक़्त लग सकता है.भले ही रूस की सरकार यह कह रही हो कि छोटे स्तर के अधिकारी को स्नोडेन को शरण दिए जाने के संबंध में फैसले लेने हैं लेकिन संवाददाताओं का मानना है कि जो भी बड़े अधिकारी कहेंगे वही होगा.

हांगकांग से मीडिया को जानकारियाँ लीक करने के बाद 23 जून को स्नोडेन मॉस्को पहुँच गए थे. लेकिन वह 'इमिग्रेशन एरिया' से बाहर नहीं निकल सके हैं क्योंकि अमरीका ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है और न उनके पास रूस का वीजा या शरणार्थी संबंधी दस्तावेज है.यही नहीं, स्नोडेन को ले जाने वाले किसी भी विमान के लिए यूरोप के कुछ देश अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर सकते हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh