If Police wished, it can surely do
Surveillance के साथ सटीक मुखबिरी
एसएसपी मोहित अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस की मदद से पहले ही राजा, कल्लू तिवारी और रवि के नाम का खुलासा कर दिया था। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि कार में तीन नहीं बल्कि चार बदमाश थे। चौथा इनका साथी मुम्बई में शिफ्ट अजय था। वारदात के दौरान चारों कार में बैठे थे। सर्विलांस की मदद से बदमाशों को ट्रेस किया जा रहा था। साथ ही पुलिस की टीम अपने मुखबिरों के साथ भी सुरागरसी में जुटी थी। फ्राइडे को पुलिस को सूचना मिली कि एक इंडिका कार बिना नंबर की धूमनगंज एरिया में स्पीड से भाग रही है। क्राइम ब्रांच और धूमनगंज पुलिस ने नेहरू पार्क तिराहा के पास कार को रोकने की कोशिश की। जहां रोकने पर गाड़ी पुन: नेहरू पार्क की तरफ मुड़ गयी तथा अयप्पा मंदिर के पास क्राइम ब्रांच की टीम से उनकी मुठभेड़ हो गयी। पुलिस का दावा है कि बदमाशों ने पिस्टल निकाल कर फायरिंग भी की। लेकिन चारों तरफ से घिरे होने के कारण पुलिस के सामने बदमाश बैक फुट पर आ गए। जांच में पता चला कि यह वही गाड़ी है जो डॉक्टर भीम से लूटी गई थी। इसी गाड़ी का यूज बदमाशों ने एसओ राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी की हत्या में किया था.
Arresting team को 50 हजार का इनाम
आईजी आलोक शर्मा ने पूरी टीम को बधाई दी। साथ ही 50 हजार रुपए प्राइज देने की घोषणा की। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, आईजी सर्विलांस हेड अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, एसओ बारा शैलेष राय मृत्युंजय मिश्र, कांस्टेबल राजेश, अभिषेक मिश्रा, वेद, धीरेन्दर, राकेश, जुलकर नैन, विजय, धनंजय, रविसेन, अभय, साबिर,अशोक, राजेश, ओम नरायण, संजय, बालगोविन्द पाण्डेय, चालक उदय सिंह आदि शामिल रहे.
मंदिर में जाकर मांग रहे थे जिन्दगी भी भीख
कल्लू, रवि, राजा और अजय को जब इस बात की जानकारी मिली कि उन्होंने एक एसओ की हत्या कर दी है तो उनके होश उड़ गए। बदमाशों को यकीन हो गया कि अब उनकी जिन्दगी जाने वाली है। पुलिस का खौफ दिखने लगा था। बदमाशों को इस बात का खौफ था कि पुलिस उन्हें पकड़कर एनकाउंटर में मार देगी। शूटर कल्लू ने बताया कि वह अपनी जिन्दगी को बचाने के लिए मंदिरों जाकर माथा टेक रहे थे। सबसे पहले चारों शनि धाम पहुंचे और वहां पर नारियल चढ़ाकर अपनी जिन्दगी की भीख मांगी। फिर मैहर माता का दर्शन करने पहुंचे और माथा टेक कर खुद की जिन्दगी बचाने की गुहार लगाई। इसके बाद वे चित्रकूट में कामधगिरि पहुंचे। पकड़े गए कल्लू ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि वह हर बार गलती करने के बाद इसे सुधारने की कोशिश में रहे.