PATNA/HAZIPUR: फ्यूचर में हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला का स्वरूप पुष्कर और सूर्यकुंड मेले की तरह विकसित होगा। मेला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। ये बातें बिहार की पर्यटन मंत्री अनीता देवी ने विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला का शुभारंभ करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से मेला शुरू होने के पहले से स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ सारण और वैशाली के विधायकों के साथ मीटिंग कर मेला के विकास और इसके स्वरूप की रणनीति तय की जाएगी। साथ ही छोटी-छोटी त्रुटियों को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा। मेला के सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

गांव-गांव में लग रहे मेले

मंत्री ने कहा कि आज गाड़ी व संसाधनों के विकास की वजह से मेला में भीड़ कम देखने को मिलती है, लोग गाडि़यों से आते हैं और मेला घूमकर चले जाते हैं। पहले लोग पैदल मेला घूमने आया करते थे। मेला का विकास हुआ है तथा इसे और बेहतर करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। अब तो गांव-गांव में मेला लग रहा है।

मंत्री शिवचंद्र राम, मुनेश्वर चौधरी, कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, सोनपुर विधायक रामानुज प्रसाद, विधायक राजकिशोर सिन्हा, डॉ। सीएन गुप्ता, शत्रुध्न तिवारी, सारण जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण, सोनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष कलावती देवी, हाजीपुर नगर परिषद अध्यक्ष हैदर अली, प्रधान सचिव पर्यटन विभाग हरजौत कौर, सारण आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, डीएम दीपक आनंद, सारण डीआईजी, एसपी आदि पदाधिकारी मौजूद थे।

दूसरे प्रदेश से क्यूं मंगाएं गाय

मेला के पुराने स्वरूप की चर्चा करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि पहले यहां हाथी, घोड़ा, ऊंट, गाय, भैंस आदि बिकने के लिए आती थी। दूसरे प्रदेशों से भी पशु बिकने आते थे। पहले लोगों के पास बहुत ज्यादा जमीन थी तो हाथी पालते थे, अब जनसंख्या बढ़ने के साथ जमीन भी घट गए। ऐसे में आदमी अपना पेट पालेगा कि हाथी पालेगा। पंजाब और हरियाणा से उन्नत नस्ल की गाय आया करती थी। अब अपने बिहार में ही उन्नत नस्ल की गाय है तो दूसरे प्रदेश से लाने की क्या जरूरत है।

Posted By: Inextlive