भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जोहांसबर्ग में खेला जा रहा तीसरा टेस्‍ट काफी खतरनाक हो चुका है। यहां की पिच बल्‍लेबाजी करने के लिए बिल्‍कुल भी उपयुक्‍त नहीं है। कई खिलाड़ी घायल हो चुके हैं। ऐसे में द.अफ्रीका की दूसरी पारी के दौरान खेल को बीच में ही रोक दिया गया। वैसे आपको बता दें कि भारत में भी ऐसी एक पिच थी जिसने बल्‍लेबाजों को घुटनों पर ला दिया था।


श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने बैटिंग करने से किया मनासाल 2009 की बात है, श्रीलंका टीम पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलने भारत आई थी। शुरुआत के चार मैच तो सही गुजरे लेकिन आखिरी मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला गया। मैच अपने निर्धारित समय पर शुरु हुआ, भारत ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग का निर्णय लिया। श्रीलंकाई ओपनर उपुल थरंगा और दिलशान क्रीज पर बैटिंग करने उतरे, पहली गेंद पर थरंगा को जहीर खान ने बोल्ड कर दिया। टीम का कुल योग 63 रन हुआ कि आधी श्रीलंकाई टीम पवेलियन लौट गए। बल्लेबाजों ने बैटिंग करने से मना कर दिया, बात भारतीय कप्तान तक पहुंची। अंपायरों को बीच में आना पड़ा और खेल रोक दिया गया।एक साल के लिए लगा था बैन


एक अंतरर्राष्ट्रीय मैच में बेहतरीन पिच के कुछ मानक होते हैं। कोटला की पिच उन मानकों पर खरी नहीं उतरी। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। मामला आईसीसी तक पहुंचा और जांच-पड़ताल के बाद कोटला पिच पर एक साल के लिए बैन लगा दिया गया। 2010 में यहां कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला गया। हालांकि बाद में यहां फिर कई बड़े-बड़े मैच आयोजित किए गए।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari