प्रयागराज में पुलिस से लड़े उपद्रवी, अखिलेश यादव को लखनऊ में रोके जाने से था गुस्सा
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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की ओर से आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह अराजकता का केन्द्र बन गया। मुख्य अतिथि पूर्व सीएम अखिलेश यादव के परिसर में आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ जिला प्रशासन ने भी रोक लगा दी थी। मंगलवार को समारोह में शामिल होने के लिए लखनऊ में एयरपोर्ट पर पहुंचे पूर्व सीएम को वहीं रोक दिया गया। इसकी जानकारी वार्षिकोत्सव समारोह के दौरान आग की तरह फैल गई। इससे आक्रोशित सपा कार्यकर्ता समारोह समाप्त होने के बाद सांसद धर्मेन्द्र यादव की अगुवाई में बालसन चौराहे पर जुलूस लेकर पहुंचे। यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद सैकड़ों कार्यकर्ता चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए।
नहीं उठे, हुआ लाठीचार्ज, मची भगदड़
पुलिस ने चौराहे पर धरने पर बैठे सपा कार्यकर्ताओं को उठाने का प्रयास किया तो उग्र कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया और चौराहे के आसपास रखे गमलों के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ की होर्डिग्स को तोड़ना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में सपा सांसद धर्मेद्र यादव, फूलपुर के सांसद नागेन्द्र सिंह पटेल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह सहित कई कार्यकर्ता घायल हो गए। यह देखते ही चौराहे के आसपास खड़े सैकड़ों कार्यकर्ता आगबबूला हो उठे। यह कार्यकर्ता चौराहे पर ही पुलिस वालों से धक्का-मुक्की करने लगे और कई पुलिसकर्मियों को जमकर पीटा।
पत्थरबाजी में घायल हुए कई पुलिस कर्मी
सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों पर निशाना साधते हुए पत्थर फेंका। जिससे एक पुलिस अधिकारी व कई सिपाही घायल हो गए। एसएसपी नितिन तिवारी की सुरक्षा में तैनात गनर संजय सिंह, सीओ इन्द्र पाल सिंह, एसपी सिटी के गनर जर्नादन, कर्नलगंज इंस्पेक्टर सतेन्द्र सिंह व सीआईएसएफ के दो जवान शामिल हैं। घायलों को प्राइवेट व सरकारी अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। जहां तमाम पुलिस के अधिकारी अस्पताल पहुंचकर पल पल कर हाल चाल लेते रहे।
शहर में जगह-जगह उपद्रव व तोड़फोड़ करने वाले 187 सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए हिरासत में लिया। उन्हें भारी फोर्स के साथ पुलिस लाइंस ले आया गया। जैसे ही अन्य सपा नेता और कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी हुई। तो सैकड़ों की संख्या में हुजूम बनाकर पुलिस लाइंस पहुंच गए। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से पैरामिलिट्री व पुलिस बल को लगाया गया था। देर शाम तक बवाल शांत होने के बाद पुलिस ने शांति भंग व मारपीट की धारा में सभी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुचलके पर रिहा कर दिया। समाचार लिखे जाने के समय तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी थी। पुलिस का कहना था कि तहरीर मिलते ही रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
पत्थरबाजी में एक पुलिस अधिकारी व कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कमेटी जांच कर रही है। पब्लिक प्रापर्टी क्षतिग्रस्त और तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
नितिन तिवारी, एसएसपी