आप हर साल नये साल पर अपने आप से कुछ वादे करते हैं कि इस साल से हम ये कुछ आदतें छोड़ देंगे बदल देंगे या कुछ नए काम करेंगे पर अक्‍सर इन वादों को पूरा करने से हम चूक जाते हैं। जिसका बाद में हमें अफसोस भी होता है। तो आइए जानें कि ऐसा क्‍या करें कि हम अपने न्‍यू ईयर रेजोल्‍यूशंस पर खरे उतर सकें।

अपने साथ सहानुभूति रखें
जीहां अपनी सीमायें पहचानिये और अपने प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करिए कहने का तात्पर्य है कि ऐसे गोल निर्धारित मत कीजिए जिन्हें आप पूरा करने की क्षमता ही ना रखते हों। एक भावानात्मक क्षण के शिकार होकर लगभग असंभव से लक्ष्य मत तय कीजिए। जैसे एक साथ ही तय मत कीजिए की आप सिगरेट पीना, ड्रिंक करना और शूगर का प्रयोग छोड़ देंगे। बल्कि अपने डाक्टर की सलाह लेते हुए सबसे जरूरी चीज को पहले लेते हुए क्रमबद्ध तरीके से एक एक पर आइये। नियमित पीने वालों के लिए सबसे जरूरी है कि बजाय इसके कि वो एक झटके में शराब छोड़ने की कसम खायें, अच्छा होगा की वे छोटा लक्ष्य तय करें जैसे कि वो हर दिन एक स्मॉल पैग से ज्यादा नहीं पियेंगे या हर सप्ताह के अंत पर नियमित मात्रा में पियेंगे।  
अपने को वक्त दें पर संतुलित तरीके
काम के दवाब और भागमभाग से परेशान हो कर हम लंबी छुट्टियों की योजना बनाते हैं और हर साल तय करते हैं कि इस बार कम से कम महीने डेढ़ महीने के वेकेशन जायेंगे पर ऐसा संभव नहीं होता। कभी फाइनेंशियल और कभी प्रोफेशनल मजबूरियां हमारे रेजोल्यूशन पर पानी फेर देती हैं। इसके लिए भी सही प्लानिंग करना जरूरी है। एक लंबे वेकेशन की बजाय छोटे वीकएंड या चार पांच दिन के हॉलिडे प्लान कीजिए और अगर आर्थिक दिक्कतें हैं तो अपने शहर के आसपास ही किसी छोटे डेस्टिनेशन पर कुछ किताबों और अपनी पसंद के संगीत के साथ छुट्टियां बितायें।

फिटनेस को भी झक्क ना बनने दें
फिटनेस के नाम पर इंटेस वर्कआउट और जिम को जिद्द ना बनायें, बल्कि तय करें हर सुबह या शाम जब भी संभव होगा आप वॉक के लिए जायेंगे। या घर पर ही आधे घंटे का समय निकाल कर डांस करेंगे। अगर संभव हो तो कोई र्स्पोट चुन लें और जैसे टेबल टेनिस या बैडमिंटन और उसे खेलें।
फाइनेंस प्लानिंग भी करें जेब और जरूरत के हिसाब से
एक तो याद रखें कि फाइनेशियली प्लानिंग का सही समय नया साल नहीं बल्कि फाइनेंशियल ईयर का नया साल होता है। दूसरे किसी के कहे सुने के हिसाब पर नहीं अपने वॉलेट और फाइनेंशियल एडवाइजर के हिसाब से करें। ईएमआई पर समान लेने के चक्कर में सारी कमाई किस्तें चुकाने में नहीं गवाई जा सकती ये ध्यान रखें। इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस को एक ही तराजू पर ना तौलें। 

रिलेशनशिप पर रहिए पॉजिटिव
अपने रिश्तों के प्रति ईमानदार रहिए और अगर कोई वादा करिए तो दिल से निभाइये। ज्यादा बड़ी चीजों से अलग अपने रिश्तों को क्वालिटी टाइम देने का इरादा कीजिए और उसे निभाइए। अपने से वादा कीजिए की अपने अपनों के लिए कोई निगेटिव विचार अपने मन में नहीं आने देंगे।

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Posted By: Molly Seth