छत्तीसगढ़ की रहने वाली 106 साल की स्वच्छता दूत कुंवर बाई अब इस दुन‍िया में नहीं हैं। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अम्बेडकर अस्पताल में उनका न‍िधन हो गया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शोक जताया है। यह वही कुंवर बाई है ज‍िनके काम से प्रभाव‍ित होकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार उनके पैर छुए थे। आइए जानें आखि‍र इन्‍होंने ऐसा क्‍या काम क‍िया था...


उपचार के दौरान अंतिम सांस लीछत्तीसगढ़ निवासी 106 साल की कुंवर बाई की हाल ही में बीते सोमवार को काफी ज्यादा तबियत बिगड़ी। इस दौरान इन्हें उपचार के लिए धमतरी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद यहां पर इनकी हालत में सुधार न होने पर इन्हें जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अम्बेडकर अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इस दौरान ब्रेन समेत उनके शरीर के कई सारे अंगो काम करना बंद कर चुके थे। ऐसे में यहां उपचार के दौरान इन्होंने अंतिम सांस ली। स्वच्छता दूत के रूप में जानी जाती
कुंवर बाई भारत में स्वच्छता दूत के रूप में जानी जाती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि एक बार इन्होंने अपनी बहू के लिए आधा दर्जन बकरियां बेचकर टॉयलेट बनवाया था। अपने इस सराहनीय कदम की वजह से वह चर्चा में आ गई थीं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में स्वच्छ भारत मिशन यानी कि क्लीन इंडिया कैम्पेन के एक प्रोग्राम में इनके पैर छुए थे। इनके समर्पण को देखते हुए प्रधानमंत्री ने इन्हें स्वच्छता मिशन का अगुआ घोषित किया था।

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Posted By: Shweta Mishra