आंध्र प्रदेश का विभाजन करके अलग तेलंगाना राज्य बनाने को लेकर खींचतान के बीच मंगलवार को केंद्र सरकार इससे जुड़े बिल को संसद में पेश कर सकती है.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कांग्रेस ने इस बिल के लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा है कि वो पूरे हफ़्ते संसद में उपस्थित रहें.बिल के विरोध में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी सोमवार को गिरफ़्तारी दे चुके हैं, वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी बिल के विरोध में इस्तीफ़ा दे सकते हैं.वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी जैसे दल जहां इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति और भारतीय जनता पार्टी इस बिल के समर्थन में हैं.संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिन्हें बिल का विरोध करना है वो संसदीय ढंग से विरोध कर सकते हैं.निलंबन के बाद


लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद कहा, "भाजपा तेलंगाना के गठन के पक्ष में हैं मगर हम उन समस्याओं को अनदेखा नहीं कर सकते जो सीमांध्र से उठ रही हैं या भविष्य में उठेंगी. इसलिए जब राज्य का विभाजन हो तो ये देखना बहुत जरूरी है कि दोनों प्रदेशों की जनता इससे पूरी तरह से संतुष्ट हो."

आडवाणी के अनुसार, "जहां भाजपा को ये उम्मीद है कि अलग राज्य बनने पर वो तेलंगाना में लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है वहीं कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि सीमांध्र में होने वाले नुकसान की भरपाई वो तेलंगाना में बेहतर प्रदर्शन से कर पाएगी."तेलंगाना बिल के विरोध में आज भी सीमांध्र राजनीतिक दल और कर्मचारी संगठन दिल्ली में प्रदर्शन कर सकते हैं.वहीं टीआरएस और तेलंगाना समर्थक दूसरे संगठनों के कार्यकर्ता भी दिल्ली में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं.संसद का ये सत्र 15वीं लोकसभा का आखिरी सत्र है. और ये सत्र भी 21 फ़रवरी को ख़त्म हो जाएगा. ऐसे में अगर तेलंगाना बिल को संसद की मंज़ूरी नहीं मिल पाई तो अलग तेलंगाना का मसला कम से कम अगली सरकार बनने तक अधर में लटक जाएगा.

Posted By: Subhesh Sharma