प्रोड्यूसर डायरेक्टर एन चंद्रा की 1988 में आई फिल्म तेजाब हालिवुड में इससे ठीक तीन साल पहले 1984 में आई फिल्म ‘स्ट्रीट्स आफ फायर’ पर बेस्ड है. दोनों ही फिल्मों में विलेन हीरो की प्रेमिका को किडनैप कर लेता है जिसे हीरो अपने साथियों के साथ मिलकर छुड़ाता है.

हालांकि फिल्म तेजाब में माधुरी के पिता का किरदार है, जो हालिवुड की फिल्म में नहीं है. साथ ही हालिवुड फिल्म में हीरो एक्स सोल्जर होता है और हीरोइन उसकी एक्स गर्ल फ्रेंड लेकिन तेजाब में हीरोइन, हीरो का पहला
प्यार होती है. हीरो शुरुआती दौर में पुलिस अफसर बनने की चाहत रखता है लेकिन परिस्थितियां उसे तड़ीपार बना देती हैं.
तेजाब जहां सुपर-डुपर हिट रही और इसने माधुरी और अनिल कपूर को बालिवुड में स्थापित किया, वहीं स्ट्रीट्स आफ फायर’ हालीवुड में नहीं चल पाई. दोनों ही म्यूजिकल एक्शन फिल्में थीं, जिनके गाने लोगों ने खूब पसंद किए.


रोचक बातें


•    तेजाब में बैंक डकैती का मशहूर सीन हालीवुड फिल्म ‘दि अनटचेबल्स’ से लिया गया है, जिसमें अनिल कपूर सीढ़ियों से गिरते एक बच्चे को छलांग लगाकर बचाते हैं.
•    तेजाब ने मिस्टर इंडिया के बाद अनिल कपूर की सोलो हीरी वाली इमेज स्थापित कर दी. साथ ही फिल्म के गाने- एक दो तीन...’  पर माधुरी दीक्षित के डांस ने उन्हें रातोंरात देशभर में पापुलर कर दिया.
•    हालांकि तेजाब को बेस्ट मूवी का फिल्म फेयर अवार्ड नहीं मिल पाया. इसे पटखनी दी इसी साल आई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ ने. माधुरी को भी बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड नहीं मिल पाया. ये अवार्ड उसी
साल रिलीज हुई फिल्म ‘खून भरी मांग’ के लिए रेखा को मिला.
•    हां, अनिल कपूर इस फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवार्ड जरूर मिला.
•    तेजाब ने ही फिल्मफेयर में बेस्ट कोरियोग्राफी अवार्ड इंट्रोड्यूस किया, जो इस फिल्म के लिए सरोज खान को दिया गया.
•    तेजाब थिएटर में 50 हफ्तों से भी ज्यादा चली और ये 1988 की सबसे बड़ी ब्लाकबस्टर फिल्म रही.
•    स्ट्रीट्स आफ फायर’ की शूटिंग शिकागो, लास एंजिलिस और कैलीफोर्निया की एक साबुन फैक्ट्री में हुई थी. बाद में फिल्म के प्रोडक्शन डिजायनर ने यूनिवर्सल स्टूडियो के बाहर ही एक रेलवे लाइन का सेट लगवा
दिया, जो शिकागो के रेलवे ट्रैक से मेल खाता था ताकि शूटिंग में आसानी हो.
•    स्ट्रीट्स आफ फायर’ में रात के काफी दृश्य हैं, जिसे दिन में फिल्माया नहीं जा सकता था. समय बचाने के लिए 1240 फीट लंबा और 220 फीट चौड़ा एक पंडाल बनाया गया, और फिर उसमें सेट लगाया
गया, जिससे दिन में ही रात के दृश्यों की शूटिंग हो सके. इस पर करीब 1.2 मिलियन डालर का खर्च आया था.
•    इस पंडाल के नीचे शूटिंग में भी काफी दिक्कतें आईं. हवा के चलते पंडाल के फ्लैप शोर करते थे, जिससे एक्टर्स को डायलाग बोलने में काफी दिक्कत आती थी. साथ ही पंडाल में चिड़ियों ने भी अपना बसेरा
बसा लिया था और उनकी चहचहाहट ने भी शूटिंग की आडियो रिकार्डिंड में सिरदर्दी पैदा की.
•    हालीवुड फिल्म में जिस शहर को दिखाया गया है, उस शहर के बाशिंदों को दिखाने के लिए प्रोडक्शन टीम को 500 एक्स्ट्रा कलाकारों को हायर करना पड़ा.
•    स्ट्रीट्स आफ फायर’ में 50 से भी ज्यादा मोटरसाइकल और ड्राइवर को दिखाया गया है, जिन्हें चुनने के लिए लास एंजिलिस के अलग-अलग क्लबों की सहायता ली गई और उनके 200 सदस्यों में से इन
50 लोगों को चुना गया.
•    स्ट्रीट्स आफ फायर’ हालीवुड में फ्लाप रही. रिलीज के 10 दिनों के अंदर फिल्म ने सिर्फ 4.5 मिलियन डालर की कमाई की, जबकि साथ ही रिलीज हुई फिल्म ‘स्टार ट्रेक-3’ ने 34.8 मिलियन डालर बटोर
लिए.
•    शुरुआत में प्रोडक्शन टीम की सोच थी कि स्ट्रीट्स आफ फायर’ की सीक्वेल भी बनाई जाएगी, लेकिन फिल्म की असफलता ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया. हालांकि वर्ष 2008 में अनौपचारिक रूप से
इसकी सीक्वेल बनी- ‘रोड टू हेल’.

Posted By: Garima Shukla